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ईटीवी भारत की खबर का असर : गहलोत सरकार करेगी अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक का संरक्षण

जयपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक का संचालन अब गहलोत सरकार करेगी.सरकार ने पैनोरमा और स्मारक के संचालन के लिए एक करोड़ का फंड दिया है. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक कई दिनों से बंद पड़ा है. ईटीवी भारत में पिछले दिनों प्रमुखता से स्मारक की बदहाली की खबर दिखाई गई थी. जिसका असर होता दिखाई पड़ रहा है.

गहलोत सरकार करेगी अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक का संरक्षण

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Published : Jul 30, 2019, 10:22 AM IST

जयपुर.ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. धानक्या में पिछले कई महीनों से बदहाल और बंद पड़े जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के राष्ट्रीय स्मारक का संचालन प्रदेश की गहलोत सरकार करेगी. पिछले दिनों ईटीवी भारत ने स्मारक के बंद पड़े होने की खबर को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में पिछली सरकार में बने पैनोरमा और स्मारकों के संचालन के लिए एक करोड़ फंड देने का ऐलान किया है.

गहलोत सरकार करेगी अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक का संरक्षण

वित्त विनियोग विधेयक पर जवाब देते हुए सीएम ने किया ऐलान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन में राजस्थान वित्त व विनियोग विधेयक 2019 का जवाब देते हुए इस बात का ऐलान किया.गहलोत ने सदन में यह भी कहा कि पिछली सरकार ने यह पैनोरमा और स्मारक तो बना दिए लेकिन इसके लिए बजटीय प्रावधान नहीं किया.सीएम गहलोत ने सदन में इन पैनोरमा और स्मारकों के नाम भी गिनाए. जिसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक का नाम भी शामिल है.

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ईटीवी भारत ने दिखाई थी प्रमुखता से खबर

प्रदेश की पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में इस स्मारक का लोकार्पण किया गया था. उसके बाद प्रदेश में सत्ता का परिवर्तन हो गया.तब से यह स्मारक बदहाल पड़ा हुआ है. फंड नही मिलने के कारण इस स्मारक में ताले लग गए चुके थे. आलम यह रहा कि भाजपा के प्रदेश नेताओं ने भी इस और अपना रुख करना बंद कर दिया.

हालांकि परदे के पीछे भाजपा नेता और धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत कुछ नेताओं के जरिए सरकार से निवेदन किया था कि वह इन स्मारकों को बचाए रखने के लिए फंड और बजट का प्रावधान करें. क्योंकि इस पूरे प्रकरण में गलती पिछली वसुंधरा राजे सरकार की रही.लिहाजा भाजपा नेताओं ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस मामले को लेकर ना तो कोई प्रश्न किया और ना ही आवाज उठाई थी.

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