जयपुर.प्रदेश की गहलोत सरकार अपने पांचवें बजट (Rajasthan Budget 2023) को अंतिम रूप देने में जुट गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बार समय पूर्व बजट लाने की तैयारी में हैं. इसी कड़ी में सीएम गहलोत आज से बजट पूर्व संवाद शुरू कर रहे हैं. गहलोत आज सामाजिक संगठनों के साथ शाम 4 बजे संवाद करेंगे और उनके सुझाव लेंगे. गहलोत 30 नवंबर तक सामाजिक संगठन, उद्यमियों, खिलाड़ियों, युवा, छात्र-छात्राएं, जनप्रतिनिधि, व्यापारियों और किसानों के साथ संवाद करेंगे.
1 नवंबर से जहां विभागीय स्तर पर बजट पूर्व संवाद बैठकों का दौर चल रहा है तो अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बजट पूर्व संवाद कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी में आज पांचवें और अंतिम बजट में शामिल किए जाने वाले सुझावों को लेकर सामाजिक संगठनों की बैठक बुलाई है. बैठक में प्रदेश भर से सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों को जयपुर बुलाया गया है. इस बैठक में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, मुख्य सचिव उषा शर्मा और वित्त विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
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वन-टू-वन संवाद-दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब भी अपना बजट पेश करते हैं तब अलग-अलग वर्ग के साथ में वन टू वन संवाद करते हैं और उनसे सुझाव लेते हैं. इस बार भी बजट में सुझाव के लिए सभी को पहले से ही ऑनलाइन आमंत्रित किया गया था. इसके बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीधा संवाद भी कर रहे हैं.
चर्चा है कि सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिध मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से राइट टू हेल्थ, जवाबदेही कानून, लोक सेवा गारंटी कानून को भी सदन में पेश करके पारित करने की मांग कर सकते हैं. खास तौर से जवाबदेही कानून की मजबूती को लेकर सामाजिक संगठनों का सरकार के ऊपर दबाव होगा क्योंकि हाल ही में 2 दिन पहले सामाजिक संगठनों ने कमजोर जवाबदेही कानून को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. साथ ही सरकार से मांग की थी कि जो सुझाव उन्होंने सरकार को ऑनलाइन दिए हैं उन सुझावों को शामिल करके मजबूत जवाबदेही कानून इस बजट सत्र में ही लाया जाए.
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30 नवंबर तक चलेगा बजट संवाद- सीएम अशोक गहलोत 30 नवंबर तक बजट पूर्व संवाद कर सुझाव लेंगे. इसमें समाजिक संगठनों, सिविल सोसायटी, उद्यमी, व्यापारी, मजदूर संगठनों, छात्र-छात्राओं, युवाओं, खिलाड़ियों और जनप्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बजट पूर्व संवाद बैठकें करेंगे और उनके सुझाव लेंगे. बजट पूर्व संवाद बैठकों में युवा मामलात, खेल, शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, महिला बाल विकास, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा, सामाजिक न्याय, पुलिस और जेल प्रशासन, अल्पसंख्यक मामलात, पशुपालन, गोपालन, कृषि, कृषि विपणन, जल संसाधन, ग्रामीण विकास व पंचायती राज, आदिवासी क्षेत्र विकास, उद्योग, श्रम, पर्यटन, आर्ट एंड कल्चर, उर्जा, ट्रांसपोर्ट और नगरीय विकास विभाग से जुड़े मामलों को लेकर बैठक लेंगे.