जयपुर. लंबे समय के इंतजार के बाद सीएम गहलोत ने राजस्थान विश्वविद्यालय में सेंट्रल लाइब्रेरी का उद्घाटन (Rajasthan University central library Inauguration) बुधवार को किया. इस दौरान उन्होंने यहां छात्रों का उत्साह देख अपने बचपन को याद किया. इस दौरान उन्होंने छात्र संघ चुनाव शुरू कराने से लेकर युवाओं को नौकरी दिए जाने की बातें कर छात्र शक्ति को आकर्षित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस बार का बजट युवाओं, छात्रों और छोटे बच्चों को समर्पित होगा.
तीरंदाजी में आजमाया हाथ : 2023 के विधानसभा चुनाव को भुनाने के लिए सीएम अशोक गहलोत का फोकस युवा (CM Gehlot Doing archery) छात्र शक्ति पर है. बुधवार को राजस्थान विश्वविद्यालय में अशोक गहलोत ने सेंट्रल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया. साथ ही डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण भी किया. इससे पहले उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय में बनाए गए तीरंदाजी ग्राउंड का भी उद्घाटन किया. यहां उन्होंने तीरंदाजी में भी हाथ आजमाया. जहां वो पहला निशाना चूक गए, लेकिन दूसरा बुल्स आई रहा.
सीएम ने सेंट्रल लाइब्रेरी का किया उद्घाटन वहीं प्रदेश की सबसे बड़ी सेंट्रल लाइब्रेरी का उद्घाटन करने के बाद सीएम ने मंच से निर्मल चौधरी को लकी बताते हुए कहा कि वो पहली बार चुनाव लड़े और जीत गए. लेकिन सीएम खुद 8वीं कक्षा में पहली बार चुनाव लड़े थे, तो 4 वोट से हार गए. यूनिवर्सिटी में पहला चुनाव लड़ा तो 400 वोट से हार गए. विधानसभा में जो पहला चुनाव लड़ा, वो 4000 वोट से हार गए. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने पॉजिटिव सोच रखी. जिसका नतीजा निकला कि वो इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव सरकार में तीन बार केंद्रीय मंत्री रहे. तीन बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने. तीन बार एआईसीसी के महामंत्री बने और तीन बार ही राजस्थान के मुख्यमंत्री भी बने.
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उन्होंने छात्रों को नसीहत देते हुए कहा कि जो पॉजिटिव सोच रखता है वही आगे बढ़ता है. जो नकारात्मक सोच रखता है उसे तकलीफ आती है, टेंशन रहती है. छात्रों को चाहिए कि वो हमेशा पॉजिटिव सोच रखें. उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में अच्छे संस्कार प्राप्त करेंगे, तो ये जिंदगी की पूंजी बन जाएगी. ये मानव संसाधन के रूप में प्रदेश और देश के काम आएगी. कांग्रेस सरकार उसी दिशा में आगे बढ़ रही है.
डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण कॉलेजों में लड़कियों की संख्या बढ़ी : उन्होंने कहा कि 1998 से पहले छात्र मजबूरन कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण करते थे. लेकिन जब पहली बार वो सीएम बनें तो उन्होंने प्राइवेट सेक्टर को राजस्थान में अनुमति दी. उस वक्त राजस्थान में 6 विश्वविद्यालय थे, आज 79 विश्वविद्यालय हैं. आज प्रदेश में पढ़ाई का माहौल बन गया है. आईआईटी, आईआईएम, लॉ, कृषि विश्वविद्यालय, यहां तक कि आदिवासियों के लिए यूनिवर्सिटी तक खुल चुकी है. यही नहीं आज कॉलेज में लड़कों से ज्यादा लड़कियों की संख्या हो गई है.
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ईआरसीपी पर किया वादा पूरा करे केंद्र : इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की ओर से किए गए इन्वेस्टमेंट राजस्थान, रोजगार मेले जैसे आयोजनों का भी जिक्र किया. साथ ही चिरंजीवी योजना और स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया. वहीं सीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल पहुंचेगा, इसके लिए 45% राज्य सरकार और 45% केंद्र सरकार खर्च कर रही है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से ईआरसीपी योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का दावा किया गया था, उसे पूरा करें. ताकि 13 जिलों को पीने का पानी मिल सके.
इस दौरान उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र शक्ति को अपनी और आकर्षित करते हुए कहा कि पहले भी छात्र संघ चुनाव जब बंद हुए थे, तब उन्हीं ने शुरू कराए और अभी कोरोना काल के 2 साल बाद भी छात्र संघ चुनाव उन्होंने ही करवाए हैं. प्रदेश के युवाओं को 1 लाख 35 हजार नौकरी दी जा चुकी है. 1 लाख 25 हजार प्रोसेस में हैं और 1 लाख नौकरियां देने का और घोषणा की गई है. इसके साथ ही उन्होंने छात्रों को प्राइवेट सेक्टर में भी आगे बढ़ने की नसीहत दी.
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पेपर लीक करने वालों को नहीं छोड़ेंगे :हाल ही में हुए वनरक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण (CM Gehlot on Exam Paper Leak Case) को लेकर उन्होंने कहा कि पेपर लीक करने वालों का पूरे देश में एक गिरोह बना हुआ है. लेकिन प्रदेश में पेपर लीक करने वालों को छोड़ेंगे नहीं, उन्हें पकड़कर जेल में डाला जा रहा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो अंग्रेजी भाषा के खिलाफ रहे, लेकिन आज ये भाषा इंटरनेशनल बन चुकी है. 'नॉलेज इज पावर' की थीम पर दुनिया चल रही है. इसे ध्यान में रखते हुए आज राजस्थान में हिंदी के साथ-साथ इंग्लिश मीडियम के स्कूलों को भी शुरू किया गया है. आलम ये है कि गांव में इन स्कूलों में पढ़ने के लिए छात्रों की लॉटरी निकालनी पड़ रही है. सीएम ने बताया कि इस बार जो बजट युवाओं, छात्रों और छोटे बच्चों को समर्पित किया गया है, उसका विज्ञापन निकलने के साथ ही एक ही दिन में 40 हजार सुझाव आ गए. जबकि पिछली मर्तबा कुल 44 हजार सुझाव आए थे.
यहां तो तीर निशाने पर लग गया- आखिर में उन्होंने कहा कि पिछली बार यूनिवर्सिटी आए थे तो बीसलपुर का पानी लाने की घोषणा की थी. महेश जोशी पीएचईडी मंत्री हैं, उन्हें बुलाकर उद्घाटन करा लें. वो तो राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे हैं. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने मंच से तीरंदाजी ग्राउंड में लगाए गए निशाने का जिक्र करते हुए कहा कि यहां तो तीर निशाने पर लग गया है. सीएम की इस बात के भी राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
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सीएम से की गई ये मांगें : इससे पहले मंच से राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति राजीव जैन ने शिक्षकों की कमी दूर करने, यूनिवर्सिटी के जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए फंड उपलब्ध कराने और सिंथेटिक टर्फ के साथ खेल मैदान के लिए 15 करोड़ की मांग की. वहीं राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने सीएम के समक्ष ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने, विश्वविद्यालय में कर्मचारी और प्रोफेसर के रिक्त पदों पर भर्ती करने, हर साल बढ़ने वाली 10% फीस वृद्धि पर रोक लगाने, प्रदेश के कोचिंग सेंटर पर वसूली जाने वाली मनमानी फीस पर नकेल कसने और विश्वविद्यालय में एक और नए स्पोर्ट्स ग्राउंड की मांग की. कार्यक्रम में मौजूद रहे उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि कोचिंग सेंटर में मनमानी फीस वसूलने के लिए अंब्रेला कानून बनाया जा रहा है. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार की 4 साल की उपलब्धियों को भी गिनाया.
तीरंदाजी ग्राउंड पर मौजूद रहे अर्जुन अवॉर्डी तीरंदाज रजत चौहान ने कहा कि एसएमएस स्टेडियम और जगतपुरा के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स बोर्ड में शुरू किए गए तीरंदाजी ग्राउंड से विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को भीड़ का हिस्सा न बनते हुए, सीखने का पर्याप्त स्थान मिलेगा. कार्यक्रम में सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री भजन लाल जाटव, किशनपोल विधायक और सिंडिकेट सदस्य अमीन कागजी भी मौजूद रहे. वहीं इस दौरान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ महासचिव अरविंद जाजड़ा ने कुलपति की ओर से छात्राओं की समस्या और बीसलपुर का पानी शुरू नहीं किए जाने की समस्या को सीएम के सामने नहीं रखे जाने पर नाराजगी व्यक्त की. इससे पहले राजस्थान विश्वविद्यालय में एनएसयूआई और निर्मल चौधरी के समर्थकों के बीच आपस में तकरार देखने को मिली, जिस पर पुलिसकर्मियों ने समर्थकों को अलग-अलग कर मामला शांत कराया.