मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज सीएम आवास पर क्रियाशील एवं नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ (CM Gehlot meeting with medical college principals) बैठक की. इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में गंदगी और मेंटेनेंस की कमी पर भी सवाल खड़े करते हुए पीडब्ल्यूडी को इन दोनों कामों की जिम्मेदारी खुद अपने स्तर पर देखने के निर्देश दिए. अस्पतालों में गंदगी को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने यहां तक कह दिया की जो लोग अस्पताल में गंदगी करते हैं उन पर फाइन भी लगाया जाए.
गहलोत ने सभी प्राचार्य को यह भी कहा कि वह खुद आने वाले दिनों में जिलों में जाकर इस बात का फीडबैक लेंगे कि अस्पतालों के हालात क्या हैं. आज मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने (cm Gehlot on sanitation in Hospitals) अस्पतालों में गंदगी और मरम्मत नहीं होने के विषय पर नाराजगी दिखाई. उन्होंने पीडब्ल्यूडी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नवीन महाजन की ओर इशारा करते हुए कहा कि गंदगी और मेंटेनेंस का मसला पूरे राजस्थान के सरकारी अस्पतालों का है. टॉयलेट में सफाई का काम है या मेंटेनेंस का काम यह पीडब्ल्यूडी देख रहा है और अगर विभाग किसी की ओर से शिकायत आने का इंतजार करेगा तो यह काम अच्छा नहीं हो सकेगा.
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सफाई नहीं तो सारे काम पर पानी फिर जाएगा
गहलोत ने कहा कि यह हमारा प्रायरिटी सेक्टर है और अगर अस्पताल में सफाई नहीं होगी तो सरकार की ओर से अस्पतालों में किए गए सभी कार्यों पर पानी फिर जाएगा. इस पर नवीन महाजन ने कहा कि पीडब्ल्यूडी सुपरिटेंडेंट या प्रिंसिपल की ओर से कोई शिकायत आती है तो उस पर काम किया जाता है और इसमें कुछ बजट का भी इश्यू है. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह तो रूटीन की बात है कि बजट आएगा तो वह रिक्वेस्ट करेंगे और आप काम करेंगे. सीएम ने पीडब्ल्यूडी (CM Gehlot instructions to PWD officers) को निर्देश दिया कि वह खुद अस्पतालों का सर्वे कराए और देखे कि कहां अस्पतालों की स्थिति खराब है. इस बारे में आपके एक्सपर्ट ही बेहतर बता सकते हैं. डॉक्टर का काम डॉक्टरी करना है वह इस पर ध्यान नहीं दे पाते.
गहलोत ने खुद अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं खुद जब भर्ती हुआ एसएमएस में जिस वार्ड में मुझे रखा गया तो मुझे ही बड़ी शर्म आई. वहां जिस प्रकार से गन्दगी के हालात हैं कुछ कहने लायक नहीं. मेरे लिए तो वहां पर अलग से इंतजाम कर दिए गए थे, लेकिन बाकी पेशेंट जिस तरह के कमेंट कर रहे थे और वहां जो गंदगी थी वह देख मुझे बहुत दुख हुआ. गहलोत ने नवीन महाजन से कहा कि जिम्मेवारी गवर्नमेंट में विभाग पर होती है. पीडब्ल्यूडी खुद सर्वे करके नोट बनाये और सरकार को या फाइनेंस डिपार्टमेंट को भेजो कि कितने बजट की आवश्यकता है तब जाकर व्यवस्था में सुधार हो पाएगा.
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मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी को 1 महीने में अस्पतालों का सर्वे कर एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए और कहा कि प्राथमिकता के आधार पर कार्य किए जाएं. गहलोत ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि किसी सरकारी अस्पताल में छत के प्लास्टर गिरने से किसी की मौत हो जाए. ऐसी घटनाओं ने अब यह सारी जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की होगी. गहलोत ने कहा कि हम अस्पतालों में इलाज और दवा दे रहे हैं लेकिन अगर वहां सफाई नहीं है, बाथरूम गंदे हैं तो क्या मरीजों को दिक्कत नहीं होगी. गहलोत ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से कहा कि अब मैं खुद जिलों में अस्पतालों के औचक दौरे स्वास्थ्य मंत्री के साथ करूंगा ताकि वास्तविक स्थिति का भी पता चले.
अगर मरीज के साथ आने वाले भी फैलाते हैं गंदगी तो लगाएं जुर्माना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मरीज के तीमारदारों की ओर से भी अस्पताल परिसर में गंदगी फैलाने पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए. गहलोत ने कहा कि जो लोग अस्पताल में गंदगी करते हैं, उन्हें रोकने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से जुर्माने का साइन बोर्ड लगाना चाहिए. गहलोत ने कहा कि साइन बोर्ड अस्पतालों में लगे कि 5000 या 10,000 का जुर्माना लगेगा, हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि 5000 और 10,000 ज्यादा होता है ऐसे में हजार रुपए का फाइन ठीक रहेगा.
हुडला फार्मूले का किया जिक्र, कहा रंग बदली बेडशीट लगाएं ताकि रोजाना हो बदलाव
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दौरान अस्पताल में बेडशीट के गंदे और घटिया होने पर महुआ के निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र में यह प्रावधान कर रखा है कि हर दिन बेडशीट का कलर अलग होना चाहिए. इससे अस्पताल में रोजाना बेडशीट बदल जाती है. गहलोत ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में भी इसी तरह के नवाचार की आवश्यकता है.
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आईसीयू में नेताओं के समर्थकों को प्रवेश न दें
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दौरान अस्पतालों में सामान्य कोड ऑफ कंडक्ट लागू करने की बात करते हुए कहा कि जहां विदेशों में आईसीयू में किसी को जाने नहीं दिया जाता है, वहां हमारे देश में सरकारी अस्पतालों में लोग जूते पहनकर ही कई बार आईसीयू में चले जाते हैं. वहीं उन्होंने मंत्री परसादी लाल मीणा को भी कहा कि किसी मरीज से मिलने भले ही कोई मुख्यमंत्री ही क्यों ना जाए उसके समर्थकों को आईसीयू में प्रवेश नहीं दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईसीयू में मीडिया कवरेज की भी इजाजत नहीं दी जाए.
ग्रीन कॉरिडोर के लिए कलेक्टर, एसपी ही अपने स्तर पर लें निर्णय
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ हुई बैठक में प्रदेश के सभी कलेक्टर कमिश्नर और एसपी को यह अधिकार दिए कि वह मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद अपने स्तर पर ग्रीन कॉरिडोर बनाने का निर्णय ले सकते हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि परमिशन लेने में ही काफी समय लग जाता है. ऐसे में अब यह निर्णय कलेक्टर और एसपी ही ले सकेंगे.
अडानी बड़े प्लेयर, उन्होंने कहा है तो दो मेडिकल हॉस्पिटल बना देंगे
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि वैसे तो यह बैठक आपके विभाग के लोगों के साथ ही होनी थी लेकिन मैंने इस बैठक को हाईजैक कर लिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज का काम लगभग पूरा हो चुका है. दो मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए गौतम अडानी कह कर गए हैं और वह इतने बड़े प्लेयर हैं कि कहा है तो दोनों मेडिकल कॉलेज बना ही देंगे. बाकी बचे मेडिकल कॉलेज के लिए हम संसाधन का कोई ना कोई जुगाड़ कर ही लेंगे. सीएम गहलोत ने सभी प्राचार्यो से कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम हमारे मेडिकल कॉलेजों में वन स्टैंडर्ड ऑफ डिसिप्लिन अपनाएं ताकि जो डॉक्टर हमारे कॉलेजों से निकलें वह बेहतरीन हों.