जयपुर.वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की सौगात को लेकर सीएम गहलोत ने पीएम मोदी का आभार जताया है. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से पूर्व में स्वीकृत हुए प्रोजेक्ट का काम फिर से शुरू करवाने की मांग की है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री गहलोत से कहा कि राजस्थान के लिए कुछ प्रोजेक्ट जो पहले सैंक्शन हो गए थे, वो प्रोजेक्ट कुछ कारणों से बंद हो गए हैं. गहलोत ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि आप स्वयं इतना इंटरेस्ट लेते हो रेलवे के अंदर और मंत्री पीयूष गोयल भी बैठे हुए हैं, रेलवे के अधिकारी भी बैठे हुए हैं. गहलोत ने कहा कि मैं चाहूंगा कि जो प्रोजेक्ट पहले से सैंक्शंड हैं वे शुरू हो चुके थे और किन्हीं कारणों से बंद हो गए हैं. कृपा करके आप उनको प्रायोरिटी दें और पुनः शुरू करवाएं, जिससे कि राजस्थान के अंदर जो माहौल बना था, उस जमाने के अंदर वो माहौल पुनः बन सके.
मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि रेलवे का विस्तार, रेलवे का विकास टॉप प्रायोरिटी पर रहा है और रहना चाहिए, चाहे सरकार किसी भी पार्टी की हो. उसी से हमारी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और देश में सभी यात्रियों और इंडस्ट्री को भी फायदा मिलेगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल कलराज मिश्र, राज्यपाल हरियाणा सत्यदेव नारायण आर्य, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी के साथ कई मंत्री, सांसद और रेलवे के अफसर वीसी से जुड़े.
स्वीकृत प्रोजेक्ट में फिर शुरू हो काम...
इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कुछ प्रोजेक्ट गिनाए. इनमें 2013 में सरमथुरा, गंगापुर वाया करौली रेलवे लाइन का शिलान्यास हो चुका था, लेकिन काम बंद हो गया. पुष्कर-मेड़ता रोड रेलवे लाइन का काम वो परियोजना भी ठप हो गई. एक चौथ का बरवाड़ा से अजमेर वाया टोंक रेलवे लाइन, इसका काम भी रोक दिया गया. इसके साथ ही बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम, इस प्रोजेक्ट में 50 पर्सेंट भागीदारी थी स्टेट गवर्नमेंट की. ढाई सौ करोड़ के लगभग स्टेट गवर्नमेंट दे चुकी थी और काम भी शुरू हो गया, लेकिन उसके बाद में पता नहीं किन कारणों से काम बंद हो गया. लोगों में वहां पर बहुत बड़ा रिएक्शन भी है और ये आदिवासी क्षेत्र है. गहलोत ने इस प्रोजेक्ट को प्रायोरिटी पर शुरू करवाने की मांग रखी. साथ ही कहा कि राजस्थान की स्थिति अब पहले जैसी नहीं है. पहले तो राज्य ने 50 पर्सेंट राशि का वादा किया था, अब तो वो वादा निभा नहीं पाएंगे. रेलवे को ही पूरा खर्चा करना पड़ेगा.
शिलान्यास के बावजूद काम रोक दिया गया...
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जब सीपी जोशी मंत्री थे तब भीलवाड़ा के रूपाहेली में मेमूकोच फैक्ट्री सैंक्शन की गई थी और फिर उसका शिलान्यास भी हो गया, लेकिन वो भी रोक दिया गया. जैसलमेर-बाड़मेर जो पाकिस्तान से लगता बॉर्डर है, वहां पर गैस भी निकल गई है, तेल भी निकल गया है. देश के प्रोडक्शन का 20 पर्सेंट तेल बाड़मेर में निकल रहा है. यह बहुत बड़ा अचीवमेंट हुआ है. आप भी पधारे थे और रिफाइनरी का काम वहां पर शुरू हो चुका है. जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा-कांडला बंदरगाह से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन की मांग 40 साल से चली आ रही है. ये बॉर्डर एरिया पाकिस्तान से लगता हुआ और सीमावर्ती क्षेत्र है.