जयपुर. बीजेपी का आरोप है कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के माध्यम से कांग्रेस स्पोर्ट्स का पॉलिटिकल माइलेज लेना चाह रही है. बीजेपी के इस बयान पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार (Cm Gehlot counter attack on bjp allegation) करते हुए कहा कि हम कोई साधु-संत नहीं. यदि स्पोर्ट्स के माध्यम से हमें पॉलिटिकल माइलेज (Cm Gehlot on Political Milage from sports) स्पोर्ट्स का पॉलिटिकल माइलेज मिल रहा है तो हम खेलों के माध्यम से ही चुनाव जीतने को तैयार हैं.
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक (Rajiv Gandhi Rural Olympics closing ceremony) खेलों के समापन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में इन खेलों से नया वातावरण तैयार हुआ है. सीएम ने कहा कि ग्रामीण खेलों से जो टैलेंट सामने आया है उसको पहचान मिलने के साथ आगे का प्लेटफॉर्म भी मिलना चाहिए. शहरी ओलंपिक भी इसी तरह से कराए जाएंगे. आज खेलों के समापन के मौके पर सीएम ने यहां विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया. इसके साथ ही यहां खेले गए एग्जीबिशन मुकाबले का भी बतौर दर्शक आनंद लिया. बीजेपी के आरोपों को लेकर सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि खेलों के माध्यम से यदि पॉलिटिकल एडवांटेज मिलता है तो मिलना भी चाहिए, हम कोई साधु-संत तो हैं नहीं.
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अशोक गहलोत ने कहा कि इस तरह के खेलों का आयोजन होते रहना चाहिए. ऐसे में यदि सरकार बदलती है तो राजीव गांधी का नाम बदल कर इसे नरेंद्र मोदी ग्रामीण ओलंपिक खेल रख दें लेकिन खेलों का आयोजन होते रहना चाहिए. सीएम ने कहा कि नाम बदलने से हमें कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आमजन को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लॉन्च की जो गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है. इसके अलावा हम एक करोड़ से अधिक महिलाओं को मोबाइल देने जा रहे हैं क्योंकि डिजिटल का जमाना है और गरीब व्यक्ति के लिए मोबाइल खरीदना काफी मुश्किल होता है. सीएम ने यह भी कहा कि शहरी ओलंपिक खेलों की तैयारी भी जल्द शुरू कर दी जाएगी और इनका आयोजन 26 जनवरी से किया जाएगा.
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जोधपुर पिछड़ा, अब विशेष फोकस रखा जाएगा
गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के माध्यम से 1 महीने 20 दिन में ही इतिहास बन गया. यह ऐसी प्रतियोगिता थी जिसमें 30 लाख रजिस्ट्रेशन हुए. यह आंकड़ा कोई कम नहीं है और भी खिलाड़ी तैयार थे लेकिन रजिस्ट्रेशन बंद हो गए थे. इन खेलों में 10 लाख महिलाओं ने हिस्सा लिया. इसमें ढाई लाख टीमें बनी थीं. सीएम ने आयोजन के लिए ग्राम स्तर से लेकर राज्य स्तर के सभी विभागों की प्रशंसा की. सरकार की सोच थी कि इतना बड़ा प्रदेश होने के बाद भी हम ओंलपिक में क्यों पिछड़े हुए हैं. जबकि प्रदेश के लोग शारीरिक मानसिक रूप से मजबूत होते हैं. यहां का भौगोलिक दृष्टिकोण हमें मजबूत बनाता है. यहां के लोगों में दमखम हैं.
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इन खेलों में जोधपुर जिले के खिलाड़ियों की ओर से अच्छा प्रदर्शन नहीं किया गया जिस पर गहलोत ने कहा कि जो जिले इन खेलों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. उन पर अब विशेष फोकस किया जाएगा. इन खेलों में हनुमानगढ़ ने सर्वाधिक 7 मेडल हासिल किए. सीएम ने कहा कि टैलेंट हंट का काम पीटीआई और कोचेज को करना चाहिए जो भी ऐसा खिलाड़ी हो उसका सिलेक्शन कीजिए और सरकार उसे किस रूप में फायदा दे सकती है उसके लिए हम कभी मना नहीं करेंगे.
झगड़े बिना खेल नहीं
खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि इन खेलों को सफल बनाने में स्कूलों के पीटीआई और प्रिंसिपल ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई. खेल विभाग के इस आयोजन के लिए पंचायती राज विभाग का भी आभार जताया. कई स्थानों पर खेलने की सुविधा नहीं थी, लेकिन समय पर सभी तैयारी पूरी की. चांदना ने यह भी कहा कि जहां झगड़ा न हो वहां खेल ही कैसा, कई जगह छोटे-छोटे विवाद भी हुए, लेकिन पुलिस विभाग ने इन झगड़ों को बढ़ने से पहले ही निपटाया. हमने पहले 3 खेलों के लिए करीब 10 खिलाड़ियों के खेलने की योजना तैयारी की, लेकिन मुख्यमंत्री ने खेलों की संख्या 6 करते हुए 40 करोड़ रुपए का बजट जारी कर दिया. वहीं खेल परिषद की चेयरमैन डॉ. कृष्णा पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच को सबने मिलकर पूरा किया. 29 अगस्त से 20 अक्टूबर तक इन खेलों का आयोजन चार चरणों में हुआ.