जयपुर.प्रदेश में 4 देवनारायण आवासीय विद्यालय और तीन देवनारायण आदर्श छात्रावास इसी शैक्षणिक सत्र में प्रारंभ होंगे. सीएम गहलोत ने इसके लिए करीब 52 करोड़ 27 लाख की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है, लेकिन सरकार की तरफ से जारी इस 52 करोड़ की राशि से गुर्जर समाज नाराज है. गुर्जर समाज ने कहा कि सरकार छलावा नहीं करें. डेढ़ सौ करोड़ रुपए प्रतिवर्ष देवनारायण बोर्ड का बजट निर्धारित करें.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देवनारायण योजना के तहत बनने वाले आदर्श छात्रावास और आवासीय विद्यालय के लिए 52 करोड़ 87 लाख रुपए की राशि को मंजूरी दे दी है. आवासीय विद्यालयों के संचालन के लिए करीब 45 करोड़ 52 लाख रुपये और आदर्श छात्रावासों के लिए 7 करोड़ 35 लाख की स्वीकृति जारी की गई है. यह विद्यालय भरतपुर के अलापुरी रसेरी सवाईमाधोपुर के मकसूदनपुरा, अजमेर केकड़ी और पाली के देवडूंगरी में संचालित किए जाएंगे.
सीएम गहलोत ने दी 52 करोड़ 87 लाख की मंजूरी इन सभी विद्यालयों में करीब 11करोड़ 38 लाख मंजूर किए हैं. इसी के साथ देवनारायण आदर्श छात्रावास योजना के तहत नागौर जिले के कुचामन सिटी, सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा, चित्तौड़ के बेगू में नवनिर्मित छात्रावासों के संचालन के लिए वित्तीय स्वीकृति दी गई है. इन वित्तीय स्वीकृतियों से इन विद्यालयों एवं छात्रावासों के संचालन के लिए नवीन पदों को सृजन हो सकेगा और सामग्री खरीद तथा संविदा आधारित सेवाएं ली जा सकेंगी.
प्रत्येक आवासीय विद्यालय के लिए 20 से अधिक शैक्षणिक और शैक्षणिक कार्मिकों के नवीन पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की गई है. इन विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध होगी, लेकिन जिस तरीके से सीएम गहलोत ने देवनारायण बोर्ड के लिए 52 करोड़ की स्वीकृति दी है. उसके बाद गुर्जर समाज ने इस पर नाराजगी जाहिर की है. समाज ने कहा कि कांग्रेस सरकार गुर्जर से छलावा कर रही है.
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय देवनारायण बोर्ड योजना के तहत 500 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था. लेकिन मौजूदा सरकार ने 52 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष के हिसाब से जो बजट जारी किया है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेता एडवोकेट शैलेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पूर्ववर्ती सरकार के 500 करोड़ के बजट को बढ़ाकर 750 करोड़ रुपए करें, यानी प्रतिवर्ष देवनारायण बोर्ड योजना के तहत डेढ़ सौ करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी होनी चाहिए.
दरअसल पिछले दिनों गुर्जर समाज के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम गहलोत से मुलाकात कर पेंडिंग पड़ी भर्तियों में गुर्जर समाज को आरक्षण के साथ नियुक्ति देने की मांग की थी. इसके साथ ही समाज ने देवनारायण योजना के तहत जारी होने वाले फंड में भी बढ़ोतरी करने की गुहार की थी, लेकिन जिस तरीके से सीएम गहलोत ने 52 करोड़ का बजट जारी किया है उसके बाद गुर्जर समाज में रोष है.