जयपुर.राजस्थान की राजनीति में किसी भी राजनीतिक दल के विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया में लगे वक्त की बात अब पुरानी हो चुकी है. इन दिनों प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन में हो रही देरी को लेकर बातचीत का दौर चल पड़ा है. प्रदेश में भाजपा आलाकमान की ओर से आए प्रस्ताव के बाद भले ही मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकारें अपने मूल रूप में लौट चुकी है. पर राजस्थान में सरकार में शामिल चेहरों के लेकर कयासों से आगे बात नहीं बढ़ सकी है. प्रदेश संगठन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दिल्ली से सलाह मशविरे के बाद तैयार लिस्ट को हरी झंडी मिलने का इंतजार जस का तस है.
देरी से मंत्रिमंडल गठन का इतिहास: राजस्थान के इतिहास पर गौर करें, तो साल 1980 में जब जगन्नाथ पहाड़िया मुख्यमंत्री बने थे, तब रिजल्ट के 13 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन हुआ था. इसी तरह से अशोक गहलोत के बीते कार्यकाल यानी साल 2018 में भी मंत्रिमंडल गठन में करीब 13 दिन का वक्त लगा था. लेकिन इस बार इंतजार लंबा हो चुका है और 24 दिन यानी तीन हफ्ते से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद मंत्रिमंडल का स्वरूप तय नहीं किया जा सका है.
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हालांकि देश की राजनीति के लिए ऐसा होना बड़ी बात नहीं है. इसके पहले तेलंगाना में साल 2018 की 13 दिंसबर से लेकर 18 फरवरी 2019 यानी 68 दिनों तक महज दो सदस्यों की सबसे छोटी कैबिनेट ने दो महीने से ज्यादा वक्त के लिए सरकार चलाई थी. इसी तरह महाराष्ट्र में मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार में 40 दिन बाद मंत्रिमंडल गठन हुआ था. जबकि साल 2019 में महाराष्ट्र में जब शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन की महाविकास अघाड़ी सरकार बनी थी, तो भी 32 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन हुआ था. कुछ इसी तरह साल 2019 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने बिना मंत्रियों के 24 दिनों तक सरकार चलाई थी.
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भजनलाल कर चुके हैं दिल्ली के दौरे:मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली में आला नेताओं से कई दौर की मुलाकात कर चुके हैं. दो बार दिल्ली जाकर मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा अन्य नेताओं से कई दौर की मंत्रणा कर चुके हैं. माना जा रहा है कि सभी दौरे भजनलाल सरकार को चलाने वाले मंत्रियों के चुनाव को लेकर ही केन्द्रित रहे हैं. इसके बावजूद नतीजे नहीं आ सके हैं.
इसके पीछे पार्टी के सूत्र आम सहमति और लोकसभा चुनाव के साथ-साथ पांच साल की सरकार को स्थायित्व देने वाले नेताओं की लिस्ट को अंतिम रूप नहीं दे सकने की कवायद को मान रहे हैं. भजनलाल शर्मा 20-21 दिसंबर को दिल्ली दौरे पर रहे थे, इसके पहले 17 और 18 दिसंबर को भी मुख्यमंत्री शर्मा दिल्ली में थे. शर्मा दिल्ली में राजनाथ सिंह और ओम बिरला के अलावा उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति समेत अन्य नेताओं से भी मिल चुके हैं.