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सीएम अशोक गहलोत की पत्नी सुनीता ने गाया गाना, कैंसर पीड़ित बच्चों को दिया उपहार, देखें Video - Rajasthan Hindi News

जयपुर में सीएम अशोक गहलोत की पत्नी ने कैंसर पीड़ित बच्चों के साथ वक्त बिताया. उन्होंने बच्चों को उपहार दिया. इस दौरान सुनीता गहलोत ने गाना भी गाया.

Jaipur cancer patients child program
Jaipur cancer patients child program

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Published : May 12, 2023, 11:51 AM IST

सीएम अशोक गहलोत की पत्नी सुनीता गहलोत ने गाया गाना

जयपुर. जयपुर के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को कैंसर पीड़ित बच्चों को खुशी के कुछ लम्हे बांटे गए. इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पत्नी सुनीता गहलोत भी साक्षी बनी. दरअसल, ड्रीम्ज फाउंडेशन की ओर से यह आयोजन किया गया था. जिसमें कैंसर से पीड़ित बच्चों को उनके मन चाहे तोहफे देकर उनके चेहरे पर खुशी लाने की कोशिश की गई थी. मौके पर शिरकत करने आई ड्रीम्ज सुनीता गहलोत ने कहा कि इन बच्चों से हमें जीवन की महत्वपूर्ण सीख मिलती है. जिस तरह के यह बच्चे अपने गम को भूलकर छोटी-छोटी चीजों में खुशियों को पाते हैं, हमें भी जीवन में यही सोच लेकर आगे बढ़ना चाहिए. इस मौके पर बच्चों को साइकिल, वीडियो गेम, रिमोट कंट्रोल कार, क्रिकेट सेट, डॉल हाउस, वाटर फिल्टर सहित कई उपहार दिए गए. वहीं, बच्चों का मनोरंजन करने के लिए विभिन्न आयोजन भी किए गए.

सुनीता गहलोत ने बताया अपने गीतों का राज : ड्रीम्ज फाउंडेशन की इस मुहिम के इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पत्नी सुनीता गहलोत ने रघुवर जानकी के ब्याह के गीत को गाकर बच्चों को सुनाया और बच्चों ने भी इस गीत का आनंद लिया. इस मौके पर सुनीता गहलोत ने अपनी गायकी की राज भी बांटे. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने स्मिता बंसल की अकैडमी में 5 साल तक गायकी की ट्रेनिंग ली है उनके पसंदीदा गीतों के शब्द हमेशा उन्हें अंदर तक सुखद अहसास पहुंचाते हैं. कैंसर पीड़ित बच्चों के बीच खुद की मौजूदगी को लेकर भी सुनीता गहलोत ने खुशी जाहिर की.

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कैंसर केयर अध्यक्ष अनिला कोठारी ने बताया कि कार्यक्रम का मकसद कैंसर बीमारी से पीड़ित बाल रोगियों के चेहरों पर मुस्कान लाना और उनके हौसलों को बढ़ाना है. जिसके तहत अस्पताल में भर्ती 1 से 18 साल की उम्र के बाल कैंसर रोगियों की इच्छाओं को पूरा किया जाता है. उपहार से मिलने वाली खुशी ना सिर्फ बच्चों के मन से अस्पताल के डर को खत्म करती है, बल्कि उनके इलाज पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ता है. इस मुहिम के तहत अब तक 4000 से अधिक बालरोगियों की इच्छाएं पूरी की जा चुकी है.

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