जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के पर्यटन को नई सौगात देते हुए आज रविवार को 110 करोड़ रुपए की लागत से 28 पर्यटन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि पुराने विधानसभा भवन में म्यूजियम बनने से जयपुर में टूरिज्म के लिए एक और कड़ी जुड़ी है. प्रदेश में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के क्षेत्र का विकास हुआ है. कोटा में रिवर फ्रंट बनने से हाड़ोती में पर्यटन के विकास की नई संभावना बनी है. पर्यटन में राजस्थान देश का सिरमौर बने इसकी असीम संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए इन्वेस्ट राजस्थान में हुए 52 फीसदी एमओयू के काम आगे बढ़े हैं. इसका कारण है कि राजस्थान के माहौल में बदलाव हुआ है. जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो प्रदेश में महज 6 विश्वविद्यालय थे. अब इनकी संख्या 90 से अधिक हो गई है. राजस्थान पहला प्रदेश है. जहां गिग वर्कर्स के लिए बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया और अब इनकी सामाजिक सुरक्षा का कानून पास किया गया है. राइट टू हेल्थ और हर परिवार का 25 लाख का बीमा कहीं नहीं है. पिछले पांच साल में प्रदेश की जीडीपी और आधारभूत सुविधाओं का विस्तार हुआ है. हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय और हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़े.
राजस्थान सरकार के फैसलों-नीतियों की चर्चा :अपने संबोधन में सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार ने प्रदेश की जनता को महंगाई से राहत देने के लिए कदम उठाए ताकि घर में कुछ बचत हो. राज्य के 90 लाख लोगों का बिजली बिल जीरो हुआ है. सरकार के फैसलों से राजस्थान चर्चा में है. अन्य राज्य भी इन नीतियों को फॉलो कर रहे हैं. प्रदेश के 93 फीसदी लोग चिरंजीवी से जुड़े हैं. जबकि केंद्र की बीमा योजना से बहुत कम लोगों को फायदा हुआ है.
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संविदाकर्मियों के पक्के होने का रास्ता खोला :उन्होंने कहा कि हमने संविदा कर्मियों के पक्के होने के रास्ते खोल दिए हैं. सरकारी विभागों में ठेका प्रथा खत्म कर दी है. ठेकेदार कर्मचारियों का शोषण करते थे. जो अब बंद हो जाएगा. उन्होंने कहा कि आज की कैबिनेट बैठक में संविदा कर्मियों को स्थाई करने का रास्ता निकालेंगे. इसके साथ ही मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेंट 5 अक्टूबर को रिलीज होगा. वे बोले- 2030 तक किसकी सरकार होगी, कौन सीएम होगा. यह अलग बात है लेकिन आज हम क्या कर सकते हैं. इसी सोच से यह काम शुरू किया है.