जयपुर. इंदिरा रसोई में खाने की गुणवत्ता पर लगातार विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं. लगातार हो रही आलोचना पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए (Gehlot reply on questions raised on Indira Rasoi) सोशल मीडिया के जरिए कहा कि शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो रही है, लेकिन कुछ लोग हैं जो गरीब विरोधी मानसिकता को रखते हैं. इसीलिए वे इंदिरा रसोई के खिलाफ कैंपेन चला रहे हैं. इस बीच स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश में चल रही इंदिरा रसोइयों का आकस्मिक निरीक्षण किया और गुणवत्ता की जांच की.
गहलोत ने दिया सोशल मीडिया पर जवाब:सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि इंदिरा रसोई में 8 रुपए में गुणवत्तापूर्ण एवं ताजा भोजन उपलब्ध करवाया जाता है. प्रदेश की 900 इंदिरा रसोइयों में अभी तक 7.75 करोड़ थाली लाभार्थियों ने ग्रहण की है. कोई भी शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी की गई है. परन्तु कुछ लोगों को इंदिरा रसोई की सफलता से परेशानी हो रही है.
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गहलोत ने कहा कि गरीब विरोधी मानसिकता वाले ऐसे लोग इंदिरा रसोई के खिलाफ कैंपेन चला रहे हैं. आलोचना करने वालों को सोचना चाहिए कि इससे जिन अच्छी संस्थाओं ने काम संभाला है, उनका हौसला टूटता है. हमारी सरकार कोई भूखा ना सोए के संकल्प को साकार कर रही है. मैं फिर से सभी जनप्रतिनिधियों से अपील करना चाहूंगा कि महीने में कम से कम एक दिन इंदिरा रसोई में भोजन करें जिससे इनकी गुणवत्ता और अच्छी हो.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उठाये थे सवाल:बता दें कि पिछले दिनों चुरू में सभापति ने इंदिरा रसोई के खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित तमाम बीजेपी नेताओं ने भी गहलोत सरकार की योजना में बरती जा रही लापरवाही पर सवाल खड़े किए थे. राजे ने ट्वीट करते हुए कहा था कि भाजपा सरकार की #AnnapurnaRasoi के भोजन में जो पौष्टिकता थी, वह कांग्रेस सरकार द्वारा संचालित इंदिरा रसोई में नहीं. अब तो सुअर तक यहां के बर्तन चाट रहे हैं. मुख्यमंत्री जी! योजनाओं का नाम बदलने से कुछ नहीं होगा. सफल क्रियान्वयन के लिए हमारी सरकार जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति भी होना चाहिए.