सीएम गहलोत ने फिर खोला घोषणाओं का पिटारा जयपुर.राजस्थान को आगामी 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में प्रदेश की गहलोत सरकार ने गुरुवार को विजन-2030 दस्तावेज जारी किया. करीब साढ़े 3 करोड़ लोगों के सुझाव से तैयार हुए इस डॉक्यूमेंट लॉन्च करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि 3 करोड़ से अधिक ऑनलाइन और ऑफलाइन लोगों ने अपने सुझाव दिए हैं. हम आम आदमी के विजन 2030 को लेकर गंभीर हैं. जो सपना आपने देखा है वो पूरा होगा. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने महिलाओं, गिग वर्कर्स और कर्मचारियों के लिए घोषणाओं का पिटारा खोला.
माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणाएं : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विजन 2030 के डॉक्यूमेंट को जारी करते हुए तीन बड़ी घोषणाएं की, जिसमें पहली ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो समेत इंटरनेट आधारित कम्पनियों में काम करने वाले गिग वर्कर्स जैसे डिलीवरी बॉय, कैब चालकों को राजस्थान सरकार के साथ पंजीकरण करवाने पर हेलमेट, ड्रेस, शूज इत्यादि रोजमर्रा के सामान खरीदने के लिए 5000 रुपये की सहायता दी जाएगी. दूसरी, सभी बालिकाओं और महिलाओं को रोडवेज का मंथली पास बनवाने पर किराए में 90% छूट दी जाएगी और तीसरी अलग-अलग विभागों में मंत्रालयिक कर्मचारियों के पदोन्नति, पदस्थापन, स्थांतरण समेत तमाम कार्यों को एक जगह से संचालित करने के लिए मंत्रालयिक कर्मचारी निदेशालय बनाया जाएगा.
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10 गुना होगी राजस्थान की प्रगति : राजस्थान को अग्रणी राज्य के रूप में विकसित करने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के महत्वाकांक्षी मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेंट का दस्तावेज जारी कर दिया. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि इस विजन से राजस्थान की प्रगति 10 गुना अधिक होगी. जो सपना आज देखा है वह जल्द ही पूरा होगा और इस सपने को राजस्थान की साढ़े तीन करोड़ से अधिक जनता ने देखा है. 15 अगस्त से हमने प्रदेश की आम आवाम से 'किस तरह का 2030 तक राजस्थान देखना चाहते हैं', उसको लेकर सुझाव मांगे. बड़ी बात है कि ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रदेश की साढ़े तीन करोड़ जनता ने अपने सुझाव दिए हैं. गहलोत ने कहा कि ये सुझाव लेने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. जैसे सुझाव आएंगे हम इन्हें जोड़ते जाएंगे.
ये हैं मुख्य सुझाव :
- राजकीय कार्यालयों को पेपरलेस बनाना.
- विभागों में प्राप्त प्रकरणों को समय से निस्तारित करना.
- आईटी एक्सपर्ट कर्मचारियों की भर्ती करने के साथ मौजूदा कर्मचारियों को एक्सपर्ट बनाने का सुझाव.
- ई मित्रों की बढ़ती संख्या के साथ तहसील, एसडीएम कार्यालय पर स्टाफ बढ़ाने का सुझाव.
- निजी क्षेत्र की तरह कर्मचारियों की हर 6 माह में आईटी संबंधित ट्रेनिंग जरूरी है, ताकि इस क्षेत्र में हो रहे अपडेशन की जानकारी से वे अपडेट रह सकें.
- कार्मिकों के पदस्थापन में स्थायित्व लाना
- बड़ी संख्या में प्रचलित सेवा नियमों की संख्या में कमी लाना
- युवाओं और स्टूडेंट्स ने भर्तियों में लगने वाले समय को न्यूनतम करने, भर्तियों को समयबद्ध करवाने-भर्तियों में अधिक से अधिक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किये जाने के सुझाव दिए हैं.
- सचिवालय में आगंतुकों का बायोमेट्रिक मशीन से प्रवेश सुनिश्चित किया जाए.
- ACR के साथ कर्मचारी या अधिकारियों के किए जाने वाले कार्यों को जोड़ना चाहिए.
- सचिवालय कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाए.
- लिपिक और सहायक कर्मियों की भर्ती करके सिटिंग और उचित कार्य व्यवस्था करने की मांग.
- सचिवालय परिसर के आपदा प्रबंधन योजना ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग, NIC को सचिवालय से बाहर शिफ्ट किया जाए.
- सचिवालय में अधिकारियों को ग्रेड पे के अनुसार कमरे किए जाएं आवंटित
- सचिवालय के पूरे भवन को सौर ऊर्जा से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए साथ ही न सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए, बल्कि कर्मचारियों के लिए ई-व्हीकल चार्जिंग पॉइंट लगाएं जाएं.
- सचिवालय सेवा में रिटायरमेंट बाद पुनर्नियुक्ति बंद की जाए.