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मच्छर को कपड़े पहनाना, हाथी को गोद में खिलाना और पीएम मोदी से सच बुलवाना नामुमकिन :  गहलोत - हाथी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी और आरएसएस पर काटाक्ष किया है. उन्होंने कहा है कि पीएम से सच बुलवाना संभव नहीं है. वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि आरएसएस के मुंह को सत्ता का खून लग चुका है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

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Published : May 1, 2019, 8:23 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार के प्रेस वार्ता कर पीएम मोदी और संघ पर निशाना साधा. उन्होंने एक मुहावरे का उपयोग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से सच बात कहलवाना संभव नहीं है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की. इस दौरान एक सवाल के जवाब में सीएम गहलोत ने एक मुहावरे के जरिए पीएम मोदी पर टिप्पणी की. पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम ने कहा कि पहले चरण में प्रदेश में शांतिपूर्ण चुनाव हुए हैं. इस बार प्रधानमंत्री का कांग्रेस के 70 साल के कर्यकाल को लेकर सवाल ही बीजेपी सरकार को ले डूबेगा. वहीं सीएम ने प्रधानमंत्री के जोधपुर में पाकिस्तान की भाषा बोलने के आरोप खारिज किया. उन्होंने कहा की पीएम का वह बयान पूरी तरह गलत है. जिस तरह वह चुने हुए प्रधानमंत्री हैं उसी तरह मैं भी मुख्यमंत्री बना हूं. ऐसे में प्रधानमंत्री को इस तरह का बयान शोभा नहीं देता है.

वीडियोः प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

प्रधानमंत्री से सच बुलवाना बेहद मुश्किलः गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मच्छर को कपड़े पहनाना, हाथी को गोद में खिलाना उतना ही मुश्किल है जितना मोदी से सच बुलवाना है. साथ ही संघ पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस के मुंह को सत्ता का खून लग चुका है. गहलोत ने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि देश का लोकतंत्र खतरे में है और कई संवैधानिक संस्थाओं पर खतरा मंडरा रहा है.

उन्होने कहा कि आरएसएस और बीजेपी का लोकतंत्र में भरोसा नहीं है. दोनों संगठनों के लोग लोकतंत्र का मुखौटा पहनकर राजनीति करते हैं. सीएम ने कहा कि आरएसएस के मुंह में सत्ता का खून लग चुका है. जिन मुद्दों को लेकर भाजपा सत्ता में आई थी उनमें से एक भी वादा पूरे नहीं हुए हैं. मोदी सरकार ना तो अनुच्छेद-370 हटा पाई और ना ही कॉमन सिविल कोड लागू हो सका. यही नहीं बुलेट ट्रेन को लेकर भी बड़े-बड़े वादे किए गए थे, अब बीजेपी नेता उसका नाम भी नहीं ले रहे हैं.

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