जयपुर. विश्व को प्रेम, दया और शांति का संदेश देने वाले प्रभु यीशु के जन्मोत्सव को सोमवार को उल्लास के साथ मनाया जाएगा. वहीं, क्रिसमस से पहले रविवार को ईसाई धर्मावलंबियों के घरों, चर्च से लेकर मॉल्स तक को विशेष तौर पर सजाया गया. साथ ही मिडनाइट आराधना कर मोमबत्तियां जलाई गई. जयपुर के चर्च रोड स्थित ऑल सेंट चर्च, चांदपोल स्थित सेंट एंड्रयूज चर्च सहित सभी चर्च पर रविवार देर रात तक चहलपहल रही. वहीं, सोमवार को गिरजाघरों पर सुबह से पादरियों की मौजूदगी में विशेष प्रार्थनाओं का दौर शुरू होगा.
साथ ही ईसा मसीह के विशेष संदेशों का बखान कर कैरल्स गाए जाएंगे. ईसाई धर्म को मानने वाले मोमबत्ती जलाकर एक दूसरे को पर्व की बधाई देंगे. साथ ही केक खिलाएंगे. चांदपोल सेंट एंड्रयूज चर्च के पादरी दीपक बेरिस्टो ने बताया कि क्रिसमस पर्व से जुड़ी कई परंपराएं खास है. प्रभु यीशु के समक्ष मोमबत्तियां जलाकर लोग उनसे जीवन में प्रकाश की कामना करते हैं. विभिन्न रंगों की मोमबत्तियां जलाने से जीवन में खुशियां और सफलता आती हैं.
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प्रभु के जन्मोत्सव की खुशी में घंटियां सजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. और उन घंटियों की आवाज से उमंग पैदा होती है. उन्होंने बताया कि खुशियां बांटने के लिए केक खाया जाता है और लोगों को बांटा भी जाता है. मिठाई के रूप में केक खाने से तनाव और अवसाद खत्म होता है और खुशी मिलती है. क्रिसमस पर लोगों को उपहार और जरूरतमंदों को कपड़े, मिठाइयां और खाने की चीजें बांटने की भी परम्परा है. वहीं मिड नाइट आराधना में ईश्वर के करीब होने का अहसास होता है. प्रभु यीशु संसार में सुख-शांति लेकर आए थे. उनके इन्हीं संदेशों को अपनाते हुए मानव कल्याण की दिशा में काम करना चाहिए.
आपको बता दें कि शहरभर के गिरजाघरों में प्रभु यीशु के जन्म की झांकियां सजाई गई. वहीं क्रिसमस ट्री सजाए गए हैं. ईसाई समुदाय ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग परिवार के संग गिरजाघर पहुंचेंगे. जगह-जगह सांता क्लॉज छोटे बच्चों को उपहार, चॉकलेट बांटेंगे. यही नहीं छोटे बच्चे सांता के वेश में नजर आएंगे.