जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जलदाय विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा कि हेल्पलाइन 181 पर आ रही पानी की कमी की शिकायतों का तुरंत निस्तारण किया जाए. साथ ही इनकी उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग की जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित आरो प्लांट के बंद होने की शिकायत नहीं आनी चाहिए, और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित सौर ऊर्जा आधारित डी फ्लोरीडेशन संयंत्रों को उच्च प्राथमिकता के साथ हर हाल में संचालित किया जाए.
पेयजल , विद्युत आपूर्ति और मौसमी बीमारियों पर होगी साप्ताहिक समीक्षा...मुख्यमंत्री ने दिए मुख्य सचिव को निर्देश - jaipur
भीषण गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति और विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने और मौसमी बीमारियों की रोकथाम की स्थिति पर मुख्य सचिव स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी. यह निर्देश मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को सचिवालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में दिए.
सीएम ने कहा कि पानी की कमी वाले जिलों में निजी कंपनी के टैंकरों को किराए पर लेकर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने मार्च महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के बिलों को निशुल्क करने का निर्णय लिया था. उन्होंने इस निर्णय को प्रभावी तरीके से लागू कर आमजन को लाभ देने के निर्देश दिए. अधिकारियों से कहा है कि इस बारे में जो शिकायतें मिल रही है, उन्हें तुरंत प्रभाव से दुरुस्त किया जाए, साथ ही आमजन को तथ्यात्मक स्पष्टीकरण जारी करें. समीक्षा बैठक में जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताया कि वर्तमान में राज्य भर में कुल 4500 गांव और 47 शहरों में आवश्यकतानुसार टैंकरों के माध्यम से पेयजल का परिवहन किया जा रहा है. इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स को आकाशमिक निधि के लिए पर्याप्त अग्रिम राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे. ताकि पानी की कमी की शिकायत मिलने पर तुरंत टैंकर भिजवाएं जा सके.
गांव ढाणी शहरों में स्थापित 5200 डिफ्लोरेशन में से 3950 चालू स्थिति में हैं. जलदाय विभाग ने गत 5 महीने में 7 शहरों की कई कॉलोनियों में कुल 2500 गांव ढाणियों को पेयजल आपूर्ति से जोड़ा है. जयपुर शहर में बीसलपुर से पानी की उपलब्धता में पर्याप्त पेयजल के लिए 732 नलकूप स्वीकृत किए गए थे. जिनमें से 410 नलकूप चालू कर दिए गए हैं.