जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के माध्यम से प्रदेशभर में संचालित विकास कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रगति की नियमित समीक्षा के लिए पांच राज्य स्तरीय समितियों के गठन को स्वीकृति दी है.
राज्य स्तरीय विकास एवं समन्वय समितियों के पुनर्गठन की स्वीकृत पूर्व में गठित कुल 12 समितियों के स्थान पर अब केवल 5 राज्य स्तरीय समितियां गठित की जाएंगी. ये राज्य स्तरीय समितियां राज्य निधि एवं केन्द्रीय सहायता अन्तर्गत योजनाओं, राज्य सरकार की बजट घोषणाओं, चुनाव घोषणा पत्र में वर्णित घोषणाओं के साथ-साथ मुख्यमंत्री की ओर से समय-समय पर दिए गए निर्देशों की प्रगति की समीक्षा करेंगी.
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साथ ही इन समितियों की ओर से विभिन्न अंतर्विभागीय समस्याओं और प्रकरणों के साथ ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संचालित परियोजनाओं की प्रगति पर भी विचार-विमर्श और समीक्षा की जाएगी.
प्रस्तावित राज्य स्तरीय समितियां-
- कृषि, उद्यान, पशुपालन, गोपालन, सहकारिता एवं खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति विभाग.
- जल संसाधन, ऊर्जा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सार्वजनिक निर्माण, वन, राजस्व, स्वायत्त शासन तथा शहरी विकास एवं आवासन विभाग.
- स्कूल शिक्षा (मिड-डे-मील सहित) महाविद्यालय शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार तथा कौशल एवं उद्यमिता विभाग.
- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी कार्यक्रम, जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण, उद्योग, एमएसएमई तथा खान एवं पेट्रोलियम विभाग.
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, जनजाति क्षेत्रीय विकास तथा महिला एवं बाल विकास विभाग.