जयपुर.आवारा और बेसहारा जानवरों की समस्या के समाधान के लिए हर गांव में चारागाह की जमीनों पर सामुदायिक कैटल कैंप बनाने पर राजस्थान सरकार की ओर से विचार किया जा रहा है. महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के मॉडल की तर्ज पर हर गांव में कैटल कैंप खोलने का विचार चल रहा है. इसे चलाने का जिम्मा स्वयं सहायता समूह या ग्राम स्तर पर ही लोगों के समूहों को दिया जा सकता है और जिन किसानों के दुधारू पशु चराने वाला कोई नहीं है उनके जानवर भी दिन में इन कैटल कैंपों में रखे जा सकते हैं.
शाम को मालिक अपने पशुओं को वापस ले जा सकेंगे तो वहीं आवारा पशुओं को स्थाई रूप से इन कैटल कैंपों में रखा जा सकता है. इससे पशु सड़क पर नहीं घूमेंगे और फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के दौरे पर गए थे. मुख्यमंत्री ने वहां के मॉडल का अध्ययन करके राजस्थान में इसे लागू करने की संभावना तलाशने के लिए कृषि मंत्री और गोपालन मंत्री को कहा था विभाग दोनों राज्यों के मॉडल का अध्ययन करवा चुका है.