जयपुर. लोक आस्था का महापर्व डाला छठ की शुक्रवार से शुरुआत (Chhath Puja 2022) हुई. 4 दिन तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन नहाए खाए से इसकी शुरुआत हुई. वहीं दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य देते हुए इसका समापन होगा. राजधानी में गलता तीर्थ में मुख्य आयोजन हो रहा है. इसके अलावा आमेर के मावठा और हसनपुरा सीतापुरा सांगानेर वैशाली नगर सहित करीब 20 से ज्यादा स्थानों पर कृत्रिम जलाशय बनाकर डाला छठ पर्व मनाया जाएगा.
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पष्ठी तिथि पर छठ पूजा मनाई जाती है. इस पर्व में भगवान सूर्य के साथ छठी मैया की भी पूजा उपासना विधि-विधान के साथ की जाती है. छठी मैया सूर्यदेव की बहन है. धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ का त्योहार व्रत संतान प्राप्ति करने की कामना, कुशलता, सुख-समृद्धि और उसकी दीर्घायु की कामना के लिए किया जाता है. चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय से इस पर्व की शुरुआत हुई और षष्ठी तिथि को छठ व्रत की पूजा-व्रत और डूबते हुए सूरज को अर्घ्य के बाद अगले दिन सप्तमी को उगते सूर्य को जल देकर प्रणाम करने के बाद व्रत का समापन होगा.