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Chhath Puja 2022 : लोक आस्था के पर्व डाला छठ की शुरुआत, गलता तीर्थ राजधानी में 20 से ज्यादा स्थानों पर आयोजन - Chhath Puja Celebration in Jaipur

लोक आस्था का महापर्व डाला छठ की शुक्रवार से शुरुआत हो गई (Chhath Puja 2022) है. 4 दिन तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन नहाए खाए से इसकी शुरुआत हुई. जयपुर के गलता तीर्थ में छठ पर्व का मुख्य आयोजन किया जा रहा है.

Chath Puja 2022
Chath Puja 2022

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Published : Oct 28, 2022, 10:38 PM IST

जयपुर. लोक आस्था का महापर्व डाला छठ की शुक्रवार से शुरुआत (Chhath Puja 2022) हुई. 4 दिन तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन नहाए खाए से इसकी शुरुआत हुई. वहीं दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य देते हुए इसका समापन होगा. राजधानी में गलता तीर्थ में मुख्य आयोजन हो रहा है. इसके अलावा आमेर के मावठा और हसनपुरा सीतापुरा सांगानेर वैशाली नगर सहित करीब 20 से ज्यादा स्थानों पर कृत्रिम जलाशय बनाकर डाला छठ पर्व मनाया जाएगा.

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पष्ठी तिथि पर छठ पूजा मनाई जाती है. इस पर्व में भगवान सूर्य के साथ छठी मैया की भी पूजा उपासना विधि-विधान के साथ की जाती है. छठी मैया सूर्यदेव की बहन है. धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ का त्योहार व्रत संतान प्राप्ति करने की कामना, कुशलता, सुख-समृद्धि और उसकी दीर्घायु की कामना के लिए किया जाता है. चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय से इस पर्व की शुरुआत हुई और षष्ठी तिथि को छठ व्रत की पूजा-व्रत और डूबते हुए सूरज को अर्घ्य के बाद अगले दिन सप्तमी को उगते सूर्य को जल देकर प्रणाम करने के बाद व्रत का समापन होगा.

प्रोफेसर श्रीधर मिश्रा का बयान

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केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्रीधर मिश्रा ने बताया कि इस पर्व को अमीर-गरीब के भेदभाव से परे होकर सभी श्रद्धालु एकजुट होकर मनाते हैं. नहाए-खाए के दिन सुबह ही घरों से छठी मैया के लिए भोजन सामग्री एकत्र की जाती है. वहीं, अगले दिन खरना में केले के पत्ते पर कच्चे चावल से बनी खीर, रोटी, केला और तुलसी के पत्ते रखकर घी का दीपक और अगरबत्ती जलाते हुए सूर्य देव और छठी मैया को भोग लगाया जाएगा. इसके बाद 36 घंटे तक निर्जला उपवास शुरू होगा.

बता दें, शुक्रवार को बाजारों में पूर्वांचल और बिहार मूल के जयपुर में रह रहे प्रवासी लोगों ने खरीदारी के साथ ही पर्व की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया. इस दौरान लोकरंग और संस्कृति की छटा बिखेरते हुए सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे.

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