राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

बीजेपी की जन आक्रोश सभा में कुर्सियां खाली, कहीं गुटबाजी तो कारण नहीं...तैयार हो रही फीडबैक रिपोर्ट

बीजेपी की जन आक्रोश सभा में संख्या बल कम रहना (Chairs empty in BJP Jan Aakrosh Sabha) और खाली कुर्सियां पार्टी की गुटबाजी को साफ दर्शा रहा है. सभा में रही खामियों को लेकर को लेकर अब रिपोर्ट तैयार की जा रही है.

जन आक्रोश सभा में कुर्सियां खाली
जन आक्रोश सभा में कुर्सियां खाली

By

Published : Dec 2, 2022, 6:02 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा (Jan Aakrosh Sabha) गुरुवार से शुरू हो गई है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जनसभा के जरिए इस आक्रोश की यात्रा का शुभारंभ किया, लेकिन अब इस यात्रा की खामियों को लेकर फीडबैक शुरू हो गया है. सूत्रों की माने तो पार्टी आलाकमान के निर्देश पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि आखिर जन आक्रोश सभा में संख्या बल कम क्यों (Chairs empty in BJP Jan Aakrosh Sabha) दिख रहा है? इसके पीछे आपसी गुटबाजी तो कारण नहीं है.

खामियों की रिपोर्ट
सूत्रों की माने तो बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने गुरुवार को जयपुर के आदर्श नगर स्थित दशहरा मैदान में गहलोत सरकार के 4 साल के खिलाफ शुरू हुई जनाक्रोश यात्रा में रही खामियों को लेकर नाराजगी जताई है. अरुण सिंह ने जनसभा में संख्या बल के नहीं जुड़ पाने और कुर्सियों के खाली रहने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए इसका पूरा फीडबैक भी मांगा है. बताया जा रहा है कि पार्टी अब इस फीडबैक को लेकर मंथन कर रही है कि क्या पार्टी की गुटबाजी के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभा में भी भीड़ नहीं जुट पाई. पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से मिले निर्देश के बाद प्रदेश की इकाई अपनी रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई है.

जन आक्रोश सभा में संख्या बल कम दिखा

पढ़ें.राजस्थान में गरजे नड्डा, कहा- वादा पूरा करना तो छोड़िए...कांग्रेस ने केवल योजनाओं के नाम बदले

कुर्सियां रह गईं खाली
जन आक्रोश सभा में पार्टी की ओर से 10 हजार लोगों की संख्या एकत्रित होने का दावा किया गया था, लेकिन पार्टी के दावों के विपरीत संख्या बल काफी कम एकत्रित हुआ. हालात ये थे कि दशहरा मैदान के आधे हिस्से को ही सभा के लिए कवर किया गया था, बाकी हिस्से को पार्किंग के लिए छोड़ा गया. सभा में संख्या बल दिखे इसके लिए आने वाले सभी कार्यकर्ताओं के लिए कुर्सियां लगाई गईं, लेकिन कुर्सियां आधी ही भर सकीं. खाली कुर्सियों को लेकर कांग्रेस ने भी बीजेपी की चुटकी ली थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा और गहलोत सरकार में खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस सभा को फ्लॉप सभा करार दिया था.

नारों में दिखी गुट बाजी
दरअसल जनाक्रोश सभा के दौरान कार्यकर्ता दो गुटों में बंटे हुए दिखे. जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने भाषण के लिए खड़ी हुईं तो उनके समर्थकों ने वसुंधरा राजे जिंदाबाद के नारे लगाए. उसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी ऐसे ही अपने भाषण के लिए खड़े हुए तो उनके समर्थकों ने सतीश पूनिया जिंदाबाद के नारे लगाए. खास बात यह थी कि इस दौरान मंच पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे, लेकिन सभा में मौजूद कार्यकर्ताओं ने सिर्फ वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया के ही नारे लगाए. हालांकि बीच में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जेपी नड्डा जिंदाबाद के नारे मंच से लगवाए. सभा के दौरान अपने-अपने समर्थकों की ओर से लगे नारों ने पार्टी की गुटबाजी को दर्शा दिया है.

नड्डा, वसुंधरा समेत कई बड़े नेता रहे

पढ़ें.धौलपुर में निकाली गई भाजपा की जन आक्रोश यात्रा...लेकिन वसुंधरा समर्थक रहे नदारद

राजे को कहना पड़ा...
जनाक्रोश सभा में बीजेपी की गुटबाजी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जन आक्रोश यात्रा को लेकर बीजेपी का कैम्पेन पिछले 1 सप्ताह पहले से ही शुरू हो गया था, लेकिन इस केम्पेन में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित उनका कोई भी खेमा सक्रिय नहीं था. हालांकि कल की जन आक्रोश सभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी के चलते वसुंधरा राजे और उनके समर्थक नेता भी इस सभा में दिखे. सभा के भाषण में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कहना पड़ा की जन आक्रोश यात्रा में न केवल मौजूदा गहलोत सरकार के 4 साल के नाकामियों को गिनाना है, बल्कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का भी बखान जनाक्रोश यात्रा के दौरान करना है, ताकि लोग बीजेपी के साथ जुड़ सकें.

पढ़ें.'4 साल पूरे होने तक 'नकारा, निकम्मी' सरकार जलसा मनाने लायक रहेगी या नहीं, यह तय नहीं'-गजेंद्र सिंह शेखावत

इस दौरान वसुंधरा राजे ने जय जय राजस्थान का जो नारा दिया वह भी काफी चर्चाओं का विषय रहा. राजे ने कहा कि पहले जिस तरह से जय जय राजस्थान किया था अगले 1 साल बाद फिर से जय जय राजस्थान करना है. दरअसल जय जय राजस्थान का नारा वसुंधरा राजे का है और उसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि वसुंधरा राजे यह संकेत देने की कोशिश कर रही थीं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत होगी और वही प्रदेश का नेतृत्व संभालेंगी.

पूनिया ने पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं का नहीं लिया नाम
सभा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का बयान भी काफी चर्चाओं में रहा. पूनिया ने अपने भाषण में मौजूदा सरकार को निशाने पर लिया. साथ ही कार्यकर्ता को आह्वान किया कि वह कांग्रेस की नाकामियों को आम जनता तक पहुंचा के सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करें, लेकिन पूनिया ने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के कार्यकाल की किसी भी योजना का जिक्र नहीं किया और न ही आह्वान किया कि पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं को इस जन आक्रोश सभा के दौरान जनता तक पहुंचाना है. जबकि इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया , प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं के बारे में जिक्र किया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details