जयपुर.राजस्थान पुलिस के लिए वारदातों का पर्दाफाश करने में सीसीटीवी कैमरे काफी मददगार साबित हो रहे हैं. वारदात के बाद अपराधियों पर शिकंजा कसने में सीसीटीवी कैमरे में दर्ज फुटेज अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसके साथ ही वारदातों को अंजाम देने से बदमाशों को रोकने में भी पुलिस को इन सीसीटीवी कैमरों से काफी आसानी हो रही है.
DIG (CID-CB) राहुल प्रकाश बताते हैं कि सीसीटीवी कैमरों की भूमिका अपराध के अनुसंधान और अपराध को रोकने में काफी महत्वपूर्ण रहती है. इस बात को सभी लोग मानते हैं. इसी उद्देश्य से राजस्थान सरकार ने अभय कमांड सेंटर्स की स्थापना की थी. वर्तमान में अभय कमांड सेंटर से जुड़े करीब 7 हजार सीसीटीवी कैमरे प्रदेशभर में काम कर रहे हैं.
इसके अलावा भी जिलों से जो रिपोर्ट प्राप्त हुई है उसके अनुसार, 75 हजार अन्य सीसीटीवी कैमरे वाणिज्यिक प्रतिष्ठान या निजी भवनों पर लगे हैं. ये कैमरे भी अपराध को रोकने और बदमाशों तक पहुंचने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. आगे भी कई सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव है और उसका सकारात्मक असर प्रदेश की जनता की सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा.
- केस 01 : सीसीटीवी से प्रो-एक्टिव पुलिसिंग ने बटोरी थी सुर्खियां :सीसीटीवी कैमरे की मदद से प्रो-एक्टिव पुलिस का एक मामला बीते साल काफी चर्चा में रहा था. सिरोही में सिपाही लाभू सिंह ने अभय कमांड सेंटर के सीसीटीवी कैमरे में देखा कि एक व्यक्ति पार्क में बच्ची से अश्लील हरकत कर रहा था. उनकी सूचना पर महज चार मिनिट में पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को दबोच लिया. सीएम अशोक गहलोत ने लाभू सिंह से फोन पर बात कर शाबासी दी थी.
- केस 02 : अपराधियों को पकड़ने में मिला अहम सुराग :हाल ही में कोटा के गढ़ पैलेस में बेशकीमती एंटीक आइटम की चोरी के मामले में बदमाशों तक पहुंचने में पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से काफी अहम सुराग हाथ लगे थे. इसके चलते पुलिस ने वारदात के मुख्य आरोपी सहित सभी बदमाशों को दबोच लिया है.
- केस 03 : राजू ठेहट के हत्यारों की शिनाख्त और गिरफ्तारी :पिछले साल दिसंबर में सीकर में हुए बहुचर्चित राजू ठेहट हत्याकांड के आरोपियों की पहचान में वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की अहम भूमिका रही थी. हत्या के बाद बदमाश भागते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे. इससे उनकी पहचान और गिरफ्तारी में पुलिस को मदद मिली थी.
पढे़ं. Special: डिजिटल हो रही राजस्थान पुलिस, अब एक क्लिक में खुलेगी अपराधियों की 'कुंडली'
दो हजार से ज्यादा घटनाओं की रोकथाम :राहुल प्रकाश ने बताया कि जिलों से पुलिस मुख्यालय को जो रिपोर्ट मिली है. उसके अनुसार, दो साल में करीब 2000 अपराधों की रोकथाम इन सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से हो पाई है. करीब चार हजार मामलों की जांच में सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का सहयोग मिला है. साल 2021 में 958 और 2022 में 1265 घटनाओं को रोकने में पुलिस को सीसीटीवी कैमरों की मदद मिली है. जबकि साल 2021 में 1709 और 2022 में 2329 वारदातों का खुलासा सीसीटीवी फुटेज देखकर पुलिस ने किया है.