जयपुर. केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) ने रेलवे कर्मचारी के मानसिक बीमार होने के कारण बिना सूचना अवकाश पर रहने के चलते उसे बर्खास्त करने पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अधिकरण ने यह आदेश कृष्ण कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता हितेश बागड़ी ने अधिकरण को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2007 में रेलवे में ट्रैफिक खलासी के पद पर नियुक्त हुआ था. वर्ष 2017 में करणवास स्टेशन पर तैनातगी के दौरान वह मानसिक बीमारी से ग्रस्त हो गया. ऐसे में वह बिना किसी को सूचना दिए कहीं चला गया. कई दिनों तक अनुपस्थित रहने के कारण रेलवे ने उसके घर नोटिस भेजा, तो परिजनों को घटना की जानकारी मिली.
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वहीं वर्ष 2019 में रेलवे ने रेलवे कर्मचारी नियम 1966 का हवाला देते हुए उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया. वहीं कई दिनों बाद वह परिजनों को आगरा के पास एक गांव में विमंदित अवस्था में घूमता मिला. इसके बाद चिकित्सीय इलाज से वह पूरी तरह सही हो गया. ऐसे में उसकी पत्नी ने रेलवे में कई बार प्रार्थना पत्र पेश कर उसे पुन: सेवा में लेने की गुहार की, लेकिन विभाग ने याचिकाकर्ता को सेवा में बहाली से इनकार कर दिया.
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याचिका में बताया गया कि वह स्वेच्छा या जानबूझकर सेवा से बिना बताए अनुपस्थित नहीं हुआ था. मानसिक विमंदता के चलते सोचने समझने की शक्ति नहीं रहने के चलते वह कार्यस्थल से चला गया और घर भी नहीं पहुंचा. याचिकाकर्ता अब पूरी तरह स्वस्थ्य हो चुका है और मनोचिकित्सक ने भी उसे नौकरी के लिए पूरी तरह फिट बताया है. इसलिए उसे पुन: सेवा में लिया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.