जयपुर.श्रीराम कॉलोनी की जमीन हाउसिंग बोर्ड की जमीन के अतिक्रमण का मामला हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. जिसमें हाउसिंग बोर्ड और जेडीए उलझे हुए हैं. दरअसल, यह मामला 42 बीघा 10 बिस्वा जमीन का है. जिसकी अवाप्ति साल 1991 में ही पूरी हो गई थी.
हाउसिंग बोर्ड की ओर से इस जमीन का मुआवजा सिविल कोर्ट में जमा करा दिया गया था. तहसीलदार से मौके पर कब्जा भी ले लिया गया था, लेकिन एक सोसायटी ने मूल खातेदारों में से कुछ खातेदारों का नाम इस्तेमाल कर एक फर्जी करानामा तैयार किया गया. जिसके बाद फर्जी पट्टे जारी कर दिए गए. हाउसिंग बोर्ड ने डबल बेंच पर रिट लगाई. यहां हार मिलने के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा, लेकिन यहां भी हाउसिंग बोर्ड को राहत नहीं मिली.
30 साल से उलझा रखा मामला, जेडीए के अधिकारी बैकफुट पर
मौके पर जमीनी विवाद सुलझाने को लेकर जेडीए शुरू से बैकफुट पर रहा है. बात चाहे नियमन करके खारिज करने की हो, या फिर निर्माण की. साल 2017 में जेडीए के पीटी सर्वे में ही बमुश्किल 5-7 निर्माण सामने आए थे. जिससे लोग भी गुमराह हुए हैं.