जयपुर.राजस्थान विधानसभा में आज पक्ष विपक्ष के विधायक बजट पर होने वाली बहस में हिस्सा लेंगे. हर साल की तरह सत्ता पक्ष के विधायक बजट की तारीफ करेंगे तो विपक्ष के विधायक बजट की खामियों को उजागर करेंगे. लेकिन बीते चार दशक से जो चेहरा राजस्थान विधानसभा के बेहतरीन विधायक, मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मौजूद था, उस चेहरे की कमी आज सदन में जरूर खेलेगी. भले ही गुलाब चंद कटारिया के राज्यपाल बनने से राजस्थान का गौरव बड़ा है, लेकिन विधानसभा में बीते 4 साल से नेता प्रतिपक्ष के तौर पर विधायकों की आवाज सरकार तक बिना किसी भेदभाव के सदन के जरिए पहुंचाने वाले कटारिया की कमी विधायकों को जरूर महसूस होगी.
कटारिया प्रश्नकाल में हर महत्वपूर्ण प्रश्न पर सरकार से सप्लीमेंट्री सवाल करते थे और सरकार की ओर से उन्हें जवाब भी दिया जाता था. इतना ही नहीं सदन चलते समय अगर कोई महत्वपूर्ण मुद्दा होता था तो उस पर भी आवाज सबसे पहले कटारिया ही उठाते थे, लेकिन अब वह असम के गवर्नर नियुक्त किए जा चुके हैं. ऐसे में अब राजस्थान की जनता की आवाज सदन में उठाने वाले कटारिया की आज से विधानसभा में कमी खलेगी.
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आज की सदन की कार्यवाही - विधानसभा की कार्रवाई सुबह 11:00 बजे से शुरू होगी, जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन, जल संसाधन, सहकारिता, उद्योग, देवस्थान, अल्पसंख्यक मामलात, परिवहन, ऊर्जा, तकनीकी शिक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभागों से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे. इसके बाद मंत्री शांति धारीवाल सदन में वित्त विभाग की 34 अधिसूचनाएं सदन की मेज पर रखेंगे. इसके बाद मंत्री शांति धारीवाल बजट वर्ष 2021-22 के आउटपुट और बजट वर्ष 2022-23 के आउटकम को भी सदन में रखेंगे.
साथ ही वह राजस्थान मानव अधिकार आयोग का वार्षिक प्रतिवेदन भी सदन की मेज पर रखेंगे तो शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला लोकायुक्त राजस्थान का 34वां वार्षिक प्रतिवेदन, स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर का वार्षिक प्रतिवेदन सदन में रखेंगे. इसके बाद बजट पर पक्ष विपक्ष के नेताओं को बजट पर वाद विवाद और बोलने का मौका दिया जाएगा.
इस्तीफा देने तक इस पद पर रहेंगे कटारिया-असम के गवर्नर बनाए गए राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया जब तक राजस्थान विधानसभा में विधायक पद और नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा नहीं देते और असम के गवर्नर के तौर पर शपथ नहीं लेते हैं, तब तक वह राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष बने रहेंगे. ऐसे में संभव है कि वह एक-दो दिन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मौजूद रहे और जब कटारिया नेता प्रतिपक्ष पद और विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे और संवैधानिक पद राज्यपाल के पद की शपथ ले लेंगे उसके बाद अगर भाजपा नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाती है तो उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ कटारिया का नेता प्रतिपक्ष का काम देखेंगे. गुलाबचंद कटारिया क्योंकि राजस्थान विधानसभा के सदस्य भी हैं ऐसे में आज उन्हें लेकर विधानसभा में स्पीकर से लेकर सभी नेता कटारिया को लेकर सम्मान व्यक्त करेंगे.