राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी के बाद बसपा ने भी अपना रूख स्पष्ट किया... जयपुर.अशोक गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया है. इसके बाद बहुजन समाज पार्टी ने भी साफ कर दिया कि गुढ़ा की अब बसपा में एंट्री नहीं की जाएगी. साथ ही उनके संग भागे 5 अन्य बसपा विधायकों को भी पार्टी वापस नहीं लेगी. इस संबंध में बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंब बाबा ने घोषणा की है.
बसपा प्रदेशाध्यक्ष के अनुसार दो बार बसपा के साथ विश्वासघात कर चुके राजेंद्र गुढ़ा ही नहीं बल्कि उनके साथ भागे बाकी 5 विधायकों को भी बसपा में अब एंट्री नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती से उन्हें निर्देश मिले हैं कि बहुजन समाज पार्टी राजेंद्र गुढ़ा को कभी वापस नहीं लेगी क्योंकि राजेन्द्र गुढ़ा ने 2008 और 2018 में दो-दो बार पार्टी के साथ विश्वासघात किया है. उन्होंने कहा कि 2008 में हमारे सभी 6 विधायकों को पद और पैसे का लालच देकर लेकर गए. 2013 में कांग्रेस से चुनाव लड़े और हार गए. फिर अपनी गलती महसूस कर पार्टी के पास आए. उन्होंने कहा कि मुझसे गलती हुई, मुझे वापस पार्टी में ले लें. इस पर पार्टी ने उन्हें भरोसा कर फिर से टिकट दिया, लेकिन दूसरी बार फिर उन्होंने पार्टी के साथ विश्वासघात कर दिया.
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भगवान सिंह बाबा ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा की वजह से पार्टी को परेशानी का सामना भी करना पड़ा और हमारे वोटर ने भी हमसे सवाल किया कि आपने दूसरी बार ऐसे नेता पर भरोसा क्यों किया. भगवान सिंह बाबा ने घोषणा करते हुए कहा कि मैं प्रदेश अध्यक्ष के नाते घोषणा करता हूं कि किसी भी हालत में राजेंद्र गुढ़ा को बसपा पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने गुढ़ा ही नही बल्कि उनके साथ बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले बाकी पांच विधायकों के लिए भी नो एंट्री की बात कही.
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2008 और 2018 में बसपा छोड़ कांग्रेस में हुए शामिलः आपको बता दें कि राजेंद्र गुढ़ा 2008 में भी बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे और 2018 में भी, लेकिन दोनों बार गुढ़ा 6 बसपा विधायकों समेत कांग्रेस में शामिल हो गए. पहली बार 2008 में बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामने और 2013 में कांग्रेस के ही टिकट पर ही चुनाव लड़ने वाले गुढ़ा को हार का सामना करना पड़ा, तो उन्होंने फिर से बसपा का रूख किया. मायावती ने उन्हें माफ करते हुए फिर से बसपा का टिकट दे दिया, लेकिन 2018 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद राजेंद्र गुढ़ा ने फिर बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था.