भाजपा का धरना एक अप्रैल से जयपुर. प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार गहलोत सरकार और तुष्टिकरण की राजनीति एक बड़ा मुद्दा होगा. जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद अब प्रदेश की गहलोत सरकार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गई है. भाजपा अब जयपुर ब्लास्ट के पीड़ित परिवारों के साथ राजधानी जयपुर में छोटी चौपड़ पर 1 अप्रैल को दोपहर एक बजे बजे धरना देगी.
सरकार की रही कमजोर पैरवी
बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मन बहुत विचलित है. जयपुर में सीरियल ब्लास्ट करने वाले अभियुक्तों को हाईकोर्ट से बरी कर दिया गया. इस ब्लास्ट में 71 लोगों की जान जान गई उसके बाद सभी अभियुक्त बरी हो गए. उन्होंने कहा कि सरकार ढंग से पैरवी नहीं कर सकी. इसलिए विशेष न्यायालय के आदेश को हाईकोर्ट ने रदद् कर दिया.
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अरुण सिंह ने कहा कि 71 लोगों की जान गई, 185 लोग घायल हुए लेकिन सरकार ने पैरवी के लिए बड़े वकील खड़े नहीं किये. सरकार का जो रवैया है इस केस को लेकर बहुत ज्यादा नरम रहा जिससे अभियुक्त बरी हो गए. अरुण सिंह ने सवाल उठाया कि क्या गहलोत सरकार मजबूत पैरवी के लिए अच्छे वकील नहीं खड़े कर सकती थी. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को लेकर खामोश नहीं बैठेगी. हम आम जनता के बीच में सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर जाएंगे और सच बताएंगे.
सरकार ने साढ़े चार साल तुष्टिकरण की राजनीति की
प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि जयपुर ब्लास्ट के मामले में बीजेपी खामोश बैठने वाली नहीं है. जयपुर की जनता को न्याय दिलाने के लिए अगर हमें धरना प्रदर्शन करना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे. आतंकियों ने जयपुर के सीने को छलनी किया है, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण आम लोगों को न्याय नहीं दिला पाई. सीपी जोशी ने कहा कि साढ़े 4 वर्षों में आप देखेंगे कोई जय श्री राम का नारा लगाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो जाती है. धार्मिक जुलूस निकाले जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है. इस सरकार ने अपने शासनकाल में तुष्टिकरण का कार्ड खेला है जिसे जनता समझ चुकी है. जोशी ने जयपुर ब्लास्ट मामले पर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने की मांग की है.
राठौड़ का हमला
उपनेता प्रतिपक्षराजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस मामले में दोषी ठहराए गए मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सेफ और मोहम्मद सलमान को निचली अदालत से फांसी की सजा मिली थी. प्रदेश के गृह और विधि विभाग के साथ ही एटीएस और एएजी ने इस मामले में लापरवाही बरती है. इससे चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण मामला कुछ हो नहीं सकता. राजेंद्र राठौड़ ने इसे सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही और हाईकोर्ट को फांसी की सजा रोकने और उन्हें बरी करने के पीछे कमजोर पैरवी को भी प्रमुख माना. इस मामले में अब राठौड़ ने सरकार से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाए और वहां तजुर्बेकार कानूनविदों की मदद ली जाए.
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1 अप्रैल को 1 बजे होगा धरना
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि कमजोर पैरवी और लापरवाही की वजह से जयपुर ब्लास्ट के गुनहगार बरी कर दिए गए हैं. सरकार की नाकामी की वजह से बम ब्लास्ट में गए लोगों के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला. सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर पीड़ित परिवारों को साथ लेकर 1 अप्रैल शनिवार को 1:00 बजे छोटी चौपड़ पर भाजपा धरना देगी. उसके बाद 2 अप्रैल को पार्टी के पूर्व प्रदेश अधक्ष अरुण चतुर्वेदी देश को संबोधित करेंगे. 4 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा.