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बागियों की घर वापसी पर सैनी ने दिया डिप्लोमेटिक जवाब, कहा-भाजपा तो गंगा का प्रवाह, कई आते हैं कई जाते हैं

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में बागियों की घर वापसी की अटकलें तेज हो गई है. बागियों से संपर्क और पार्टी में वापसी के लिए कवायद की जा रही है. ऐसे में जिन पार्टी नेताओं पर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है वे पूरी कोशिश में जुटे हैं. हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी इस मामले में खुद को अनभिज्ञ बताते हैं.

सैनी ने दिया डिप्लोमेटिक जवाब

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Published : Mar 3, 2019, 8:34 PM IST

जयपुर.सैनी के अनुसार अब तक ऐसे बागियों ने पार्टी में आने को लेकर कोई आवेदन किया ही नहीं है. साथ ही सैनी यह भी कहते हैं कि भाजपा तो गंगा का प्रवाह जिसमें कई आते हैं और कई जाते हैं. मतलब साफ है लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की इस गंगा में कई बागी वापस डुबकी लगा सकते हैं. हालांकि भाजपा के विधानसभा चुनाव में बड़े बागी रहे नेता भाजपा में आने के बजाय कांग्रेस में रुचि दिखा रहे हैं. कांग्रेस में भी उन्हें जगह मिल पाए इसकी संभावना कम है, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं पर डोरे डालने में वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे.

सैनी ने दिया डिप्लोमेटिक जवाब
लाटा और तिवाड़ी को कांग्रेस की चाह, बेनीवाल स्वयंभूविधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से सियासी घटना क्रम चले, उसके बाद इस बात की संभावना ज्यादा है कि भाजपा के बड़े बागी घर वापसी की जगह सत्तारुढ़ दल कांग्रेंस में जाने के लिए ज्यादा इच्छुक हैं. भाजपा के बागी नेताओं की बात करे तो उनमें घनश्याम तिवाड़ी का नाम पहले आता है. घनश्याम तिवाड़ी की पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुई मुलाकात इस बात को दर्शाती है कि तिवाड़ी कांग्रेंस की नाव में सवार हो सकते हैं. तो वहीं जयपुर महापौर उपचुनाव में भाजपा के बागी विष्णु लाटा ने भी जयपुर शहर में जिस प्रकार से होल्डिंग्स बैनर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कांग्रेस नेताओं के फोटो लगवा रखे हैं, साफ संकेत दे रहे हैं कि यह दोनों नेता भाजपा की बजाय कांग्रेस का दामन थाम सकता है.

हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने इन दोनो नेताओं का पूरी तरह वेलकम नहीं किया है. वहीं अगर बात की जाए भाजपा के पुराने नेता रहे हनुमान बेनीवाल की तो वह ना कांग्रेस में जाना चाहते हैं और ना अपनी पुरानी पार्टी भाजपा का हिस्सा बनना चाहते है. तीन विधायक अपनी पार्टी के बनाने के बाद अब वह लोकसभा चुनाव अपने बलबूते ही लड़ना चाहते हैं और इसके लिए उनके पास राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के रूप में अपना बैनर भी है.

इस बारे में हनुमान बेनीवाल मीडिया के समक्ष ऐलान कर भी चुके हैं. इस सब के बावजूद प्रदेश में लोकसभा के प्रभारी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बड़े भाइयों को पार्टी के पक्ष में करने में जुटे हैं लेकिन इसमें उन्हें कितनी सफलता मिलेगी यह देखना दिलचस्प होगा. वहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले भाजपा के दूसरे बड़े बागी भाजपा का दामन थमने के इच्छुक नजर आ रहे हैं लेकिन उनका निर्णय पार्टी आलाकमान की और से किया जाना है. फिलहाल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी के मौजूदा बयान के बाद इस बात के संकेत बढ़ गए है कि ये घर वापसी जल्द ही हो सकती है.

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