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गोविंद राम मेघवाल के बयान पर भाजपा ने कसा तंज, कहा- अस्तित्व बचाने के लिए दिए जा रहे ऐसे बयान

राजस्थान के आपदा राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल के एक बयान ने फिर से राज्य की सियासत में भूचाल लाने का काम किया है. वहीं, भाजपा ने मंत्री के बयान को सियासी अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद (BJP taunted Govind Ram Meghwal statement) करार दिया.

BJP taunted Govind Ram Meghwal statement
BJP taunted Govind Ram Meghwal statement

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Published : Jun 4, 2023, 8:57 PM IST

पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी

जयपुर.प्रदेश के आपदा राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल के एक बयान ने फिर से फोन टैपिंग के जिन्न को बोतल से बाहर निकालने का काम किया है. मेघवाल ने कहा कि गहलोत सरकार गिराने के लिए उन्हें खरीदने की कोशिश की गई थी. हालांकि उनके इस बयान पर तंज कसते हुए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में मंत्री रहे प्रभु लाल सैनी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मेघवाल ने उस वक्त मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कराया?. कांग्रेस के लोग इस तरह की बयानबाजी कर अब सिर्फ अपना अस्तित्व बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

हाल ही में आपदा राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा था कि उन्हें खरीदने की कोशिश की गई थी, जिसकी उनके पास रिकॉर्डिंग भी है. यही नहीं उन्होंने खरीद-फरोख्त करने वाले का नाम लिए बिना उसे दिए अपने जवाब का जिक्र करते हुए कहा था कि पशु बेचे और खरीदे जा सकते हैं, लेकिन इंसान नहीं.

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मेघवाल के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत में फोन टैपिंग का जिन्न फिर से बोतल से बाहर निकल आया है. साथ ही जयपुर से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस में हलचल मच गई है. इसे लेकर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने रिपोर्ट भी मांगी है. इस बीच पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में मंत्री रहे प्रभु लाल सैनी ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप बुजदिलों का काम होता है. यदि उनको ऐसा लगता है कि खरीद-फरोख्त की उनसे बात की गई है तो उस समय क्यों नहीं बोले? उस समय मुकदमा दर्ज कराना चाहिए था, लेकिन अब राजनीतिक बयानबाजी करके अपने अस्तित्व को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद अब तक सुलझ नहीं पाया है. हालांकि, इसका फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया गया है. लेकिन इस बीच मंत्री गोविंद राम मेघवाल की ओर से आए इस बयान ने फिर से पूरा माहौल को गर्म कर दिया है. ऐसे में आने वाले दिनों में पायलट और गहलोत गुट में एक बार फिर खींचतान देखने को मिल सकती है.

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