जयपुर:अलवर के थानागाजी से निर्दलीय विधायक कांति मीणा (Rajendra Rathod targeted the Gehlot) के बेटों की गिरफ्तारी पर अब सियासत शुरू हो गई है. रविवार को बीजेपी ने विधायक मीणा के बेटों की गिरफ्तार पर सूबे की गहलोत सरकार को आड़े हाथ लिया. वहीं, मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना और राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत के राज में प्रदेश में भ्रष्टाचार की बेल नहीं, बल्कि वटवृक्ष पनप रहा है. उन्होंने ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों में होने वाले ठेके के कामों की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग (BJP demands high level inquiry) की.
रविवार को प्रदेश बीजेपी मुख्यालय (State BJP Headquarters) में पत्रकारों से रू-ब-रू हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजगढ़ पंचायत समिति में विधायक के बेटे के भ्रष्टाचार का जो मामला सामने आया, उससे साफ हो चुका है कि इस सरकार में भ्रष्टाचार अब संस्थागत हो चुका है. राठौड़ ने कहा कि थानागाजी में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में जो ट्यूबवेल खोदे गए, उनमें से किसी में भी पानी नहीं आता. यहां 1000 फुट गहराई में पानी है, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते ठेकेदारों ने 200 से 300 फुट गहरे ट्यूबवेल खोद दिए. राठौड़ ने कहा यहां ठेकेदारी का काम अंजली बोरवेल को दिया गया था और ठेकेदार से दीपक मीणा ने खाली कागजात पर साइन भी करवा रखे हैं. वहीं, आरोपी दीपक मीणा का एक निर्दलीय और कांग्रेस के विधायक से भी संबंध है.
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विधायक के चहेतों के हवाले जल-वन: सूबे के पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री हेमसिंह भड़ाना (Former Food Supplies Minister Hemsingh Bhadana) ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में मौजूदा सरकार का भ्रष्टाचार याद रखा जाएगा. भड़ाना ने कहा कि थानागाजी क्षेत्र में ना केवल जलदाय विभाग, बल्कि वन विभाग में भी सरिस्का से जुड़े जो ठेके दिए गए हैं, वो सब विधायकों के चहेते को ही मिले हैं. जिसमें खूब भ्रष्टाचार किया जा रहा है. भड़ाना ने कहा मौजूदा विधायक और निर्दलीय विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस कदर अपने कब्जे में ले रखा है कि अब विधायक ही मिनी मुख्यमंत्री बनकर काम कर रहे हैं.
इसलिए सरकार नहीं कर रही बाजरा की खरीद: वहीं, बीजेपी विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने (Deputy Leader of Opposition Rajendra Rathod) राज्य सरकार पर प्रदेश में किसानों से एमएसपी पर बाजरा की खरीद नहीं किए जाने पर भी सवाल उठाए. राठौड़ ने कहा केंद्र सरकार ने बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है. वहीं, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि वह राजस्थान की मंडियों में कांटा लगवाकर किसानों से पीडीएस के माध्यम से बाजरे की खरीद करें. केंद्र सरकार इसमें हर सहयोग देने को भी तैयार है. बावजूद इसके इस साल भी प्रदेश सरकार ने किसानों से बाजरा खरीदने के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया.