राहुल पर सुधांशु त्रिवेदी ने कसा तंज, जयपुर.जय सियाराम Vs जय श्रीराम की सियासत इन दिनों जोरों पर है. जयपुर पधारे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर शाब्दिक प्रहार करने के लिए इसी नारे का सहारा लिया (Jai Siyaram Vs Jai Sriram). राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कटाक्ष किया. बड़ी बड़ी बाते कहीं. बातों को घुमाकर बोलने में माहिर त्रिवेदी ने कहा- बालक बुद्धि शब्द को असंसदीय मानते हुए कई राज्यों पर रोक लगाई गई है लेकिन जनता समझदार है सब समझ रही है.
इसलिए भाजपा बोल रही जय श्रीराम- त्रिवेदी ने अपने पक्ष को क्लियर करने की कोशिश की (Sudhanshu Trivedi On Rahul Gandhi). भाजपा के स्टैंड को Justify किया. कहा कि बीजेपी जयश्री राम इसलिए बोल रही है क्योंकि अभी रामजन्म भूमि पर मंदिर बन रहा है. बड़े होकर राजा राम बनेंगे तब सीता आएंगी. अभी तो बालक राम ही हैं तभी जय श्रीराम कहा जा रहा है लेकिन ये उनकी समझ मे नही आएगा.
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हिंदुत्व के मामले में राहुल कंफ्यूज-त्रिवेदी ने राहुल गांधी को कंफ्यूज बताया. बोले उन्हें भारत जोड़ो यात्रा में महंगाई और अन्य मुद्दों पर बोलना था लेकिन वो 15 मिनट हिंदुत्व पर बोलते रहे. अब राहुल गांधी बात बेरोजगारी की करते हैं लेकिन भाषण हिंदुत्व पर देते हैं. ऐसे में राहुल गांधी समेत पूरी पार्टी ही कंफ्यूज है. उन्हें समझ नही आ रहा कि बोलना क्या है और करना क्या है.
राजस्थान की स्थिति को बताया खतरनाक-गहलोत सरकार के 4 साल के खिलाफ चलाए जा रहे भाजपा की जन आक्रोश यात्रा को अपने तर्कों से समझाने का प्रयास किया. प्रदेश सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई और प्रदेश के हालातों को खतरनाक करार दिया. त्रिवेदी ने कहा कि गहलोत सरकार के 4 साल के शासन में बदहाली, अराजकता और कट्टरता का आलम रहा है. अपने विचार बताए. बोले- कट्टरपंथ यहां हावी है इतना कि यहां आने से पर्यटक भी डरने लगे हैं. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि तब शांति सद्भावना का माहौल था , लेकिन गहलोत सरकार ने इन सबके उलट रहा है.
त्रिवेदी ने कहा कि बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा में अभिव्यक्ति प्रखर रूप से दिखाई पड़ रही है जिस तरह से प्रदेश की छवि जो समृद्धि और राष्ट्र गौरव को प्रकट करने वाली थी अब वह बदहाल खतरनाक कट्टरता में बदलती प्रतीत हो रही है. प्रदेश की जनता कांग्रेस शासन को उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है . त्रिवेदी ने कहा कि गुजरात और उत्तर प्रदेश में जो प्रदर्शन हुआ उससे भी कई गुना ज्यादा अच्छा प्रदर्शन आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी राजस्थान में करने वाली है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत महान बनने के पथ पर आगे बढ़ रहा है.
पार्टी के बिखराव पर चुप्पी-सुधांश त्रिवेदी से जब राजस्थान में बीजेपी में चल रही बिखराव पर सवाल किया गया तो उन्होंने उसे टालना बेहतर समझा और मुद्दे को कांग्रेस की ओर उछाल दिया. त्रिवेदी से पूछा गया था कि राजस्थान में बीजेपी सरकार बनाने की बात कर रही है लेकिन जिस तरह से वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया अलग-अलग खेमों में काम कर रहे हैं क्या वो संभव हो पाएगा. इस सवाल को टालते हुए उन्होंने कांग्रेस की खेमे बाजी को टारगेट कर दिया.
महिला अपराध में नम्बर वन-त्रिवेदी ने कहा कि के अपराधों के मामले में राजस्थान देश में नंबर वन है. यहां पर महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार के मामले सर्वाधिक बढ़े हैं, राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह से लाचार है. राजस्थान में महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाले अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और उस पर सरकार के एक मंत्री कहते हैं कि राजस्थान में रेप इसलिए बढ़ रहे क्योंकि यह मर्दों का प्रदेश हैं. (भाजपा प्रवक्ता का इशारा शांति धारीवाल की ओर था जिन्होंने विधानसभा में ये विवादास्पद बयान दिया था. त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री गहलोत के बयान को भी याद किया. कहा कि सीएम भी कहते हैं कि महिलाओं की ओर से दर्ज किए कराए गए 52 फ़ीसदी मुकदमे झूठे होते हैं. इससे साफ है कि गहलोत सरकार संवेदनहीन है . प्रदेश की महिलाएं बच्चे सुरक्षित नहीं है और वह उन मामलों को झूठा बताकर संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पूरी कर रहे हैं.
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देशद्रोह कानून का अपने विधायकों पर- देशद्रोह कानून को लेकर त्रिवेदी ने कहा कि इस कानून का विरोध कांग्रेस लगातार करती आ रही है, लेकिन इसी कनून का सबसे ज्यादा उपयोग राजस्थान में गहलोत सरकार ने किया है. त्रिवेदी ने कहा कि अपने 2019 के चुनाव घोषणा पत्र में भी वादा किया था कि अगर केंद्र में हमारी सरकार बनी तो देशद्रोह कानून खत्म कर दिया जाएगा. लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद राजस्थान में गहलोत सरकार ने अपने ही मंत्रियों और विधायकों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाया था. इससे साफ है कि कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी में बहुत अंतर है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के दावेदार नहीं- सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पार्टी को लेकर कहा कि कांग्रेस पार्टी आंतरिक लोकतंत्र की बात करती है, लेकिन कांग्रेस का आंतरिक लोकतंत्र उस वक्त धरा रह गया जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदार ने ही राजस्थान में बगावत कर दी थी. केंद्रीय पर्यवेक्षकों से मिलने कोई नहीं गया उस वक्त पार्टी आलाकमान की हालत क्या होगी इसी से पता चलता है. उसके बाद कांग्रेस पार्टी के विधायकों और मंत्रियों में ही जिस तरह से बयान बाजी और अपशब्दों का दौर चला था वो भी पूरे देश ने देखा था.
पेपर लीक की रेल चली- त्रिवेदी ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था सबसे बद से बदतर है. महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ जहां अपराध बढ़ रहे हैं तो देश विरोधी संगठनों को पालने पोसने का भी काम सरकार में हुआ. पीएफआई जैसे संगठन को राजस्थान में रैली करने की इजाजत दी गई तो वहीं कट्टरता के चलते उदयपुर में एक व्यक्ति की गर्दन काट दी गई. कानून व्यवस्था को लेकर जनता में नाराजगी नहीं बल्कि सरकार के प्रति रोष भी है. राजस्थान में 4 साल के शासन के दौरान एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं और पेपर लीक मामले में परोक्ष रूप से कई ऐसे लोग भी हैं जो सरकार और मुख्यमंत्री से जुड़े हुए हैं. लेकिन सरकार उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
हिंदुत्व के मामले में कंफ्यूज हैं- त्रिवेदी ने राहुल गांधी को लेकर भी हमला बोला और कहा कि राहुल गांधी हिंदुत्व के मामले में कंफ्यूज हैं. भारत जोड़ो यात्रा में महंगाई और अन्य मुद्दों पर बोलना था लेकिन वो 15 मिनट हिंदुत्व ओर बोलते रहे. अब राहुल गांधी बात बेरोजगारी की करते हैं लेकिन भाषण हिंदुत्व पर देते हैं. ऐसे में राहुल गांधी समेत पूरी पार्टी ही कंफ्यूज है. उन्हें समझ नही आ रहा कि बोलना क्या है और करना क्या है.