जयपुर.बीजेपी ने गहलोत सरकार के खिलाफ पैदल मार्च के जरिए पोल खोल अभियान का आगाज किया, लेकिन अभियान के पहले ही दिन कई बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी ने बीजेपी में अंदर खाने चल रही गुटबाजी को सामने ला दिया है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में लेने और भ्रष्टाचार के मामले सहित अन्य मुद्दों को लेकर एकजुटता के साथ बीजेपी मुख्यालय से राजभवन तक पैदल मार्च का ऐलान किया गया, जिसमें सभी विधायकों और सांसदों को शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद संगठन के कार्यक्रम से दूरी बनाए रखने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया इस बार भी नजर नहीं आए.
पूनिया ने बना रखी संगठन के कार्यक्रम से दूरीः बता दें कि उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया को जब से अध्यक्ष पद से हटाया है, उसके बाद से लगातार वह प्रदेश संगठन के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं. चुनावी माहौल में उप नेता प्रतिपक्ष की संगठन के कार्यक्रमों से दूरी बीजेपी के गलियारों में चर्चाओं का विषय बनी हुई है. बताया जा रहा है कि सतीश पूनिया को अचानक अध्यक्ष पद से हटाने के बाद से वह नाराज हैं और नए अध्यक्ष बनने के बाद अब तक जो भी संगठन के कार्यक्रम हुए उसमें शामिल नहीं हुए. खास बात यह है कि भ्रष्टाचार जैसे बड़े मुद्दे पर पैदल मार्च के जरिए पोल खोल अभियान के आगाज कार्यक्रम में जयपुर में होने के बावजूद शामिल नहीं हुए, जबकि पैदल मार्च के तीन घंटे बाद पार्टी मुख्यालय की कोर ग्रुप की बैठक में शामिल हुए.
पूनिया ने इन कार्यक्रमों से बनाई दूरीःजयपुर बम ब्लास्ट मामले को लेकर बीजेपी ने आंदोलन की सीरीज चलाई लेकिन किसी भी विरोध प्रदर्शन में जयपुर होने के बावजूद पूनिया शामिल नहीं हुए. उसके बाद बीजेपी मुख्यालय पर आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर संभागीय बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में भी तमाम बीजेपी के सांसद, विधायकों के साथ संगठन के पदाधिकारी और संभाग के संगठन के नेता शामिल हुए, लेकिन इस बैठक से भी सतीश पूनिया की दूरी चर्चा का विषय रही. इतना ही नहीं 6 अप्रैल को बीजेपी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम तक में पूनिया शामिल नहीं हुए. उसके बाद 13 जून को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सचिवालय घेराव में भी पूनिया की मौजूदगी नहीं दिखी और आज राजभवन तक पैदल मार्च में भी वे अनुपस्थित रहे.