जयपुर. विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर राजस्थान में सियासी मैदान तैयार हो चुका है. सियासी रण को फतह करने के लिए राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी रणनीतियां बनाने में जुटी हैं. हर वर्ग के साथ राजनीतिक दलों की नजरें किसानों पर भी है. बीजेपी ने भी प्रदेश के किसानों को साधने के लिये पहले ही कर्ज माफी को मुद्दा बनाया हुआ है, वहीं अब किसानों के बीच पहुंच सरकार की वादाखिलाफी और केंद्र की योजानाओं के प्रचार प्रसार को लेकर खास रणनीति बनाई है. जिसके तहत बड़े स्तर पर घर-घर जाकर किसानों से संपर्क किया जाएगा. किसानों से सघन जनसंपर्क के लिए भाजपा किसान मोर्चा ने एक पत्रक यानी पम्पलेट तैयार किया है. जिसमें किसानों के लिए मोदी सरकार की ओर से किए गए कार्य और गहलोत सरकार की किसानों से की गई वादाखिलाफी का लेखा-जोखा होगा. इसके लिए किसान मोर्चा ने अपने कार्यकर्ताओं की 200 - 200 की टोली तैयार करेगा जो गांव ढाणी में प्रचार प्रसार करेंगे.
पत्रक होंगे वितरित :भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हरिराम रणवां ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही किसानों की सम्पूर्ण कर्जा माफी की जायेगी, जो अभी तक नहीं की गई. आज भी किसान अपनी पूर्ण कर्ज माफी का इंतजार कर रहा है. कांग्रेस ने प्रदेश में सरचार्ज, फ्यूल चार्ज न बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही बिलों में वृद्धि करके किसानों की कमर तोड़ दी. इसके साथ ही बिजली कटौती करके किसानों के साथ में धोखा किया जा रहा है. रणवां ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने किसानों को राहत देने के बजाए जो पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में स्वीकृत बिल में राहत को बंद कर दिया. बता दें कि वसुंधरा सरकार ने 835 प्रति माह किसान के बिजली के बिल में राहत दी थी. उसे 27 महीने तक रोक कर चुनाव नजदीक आते ही 1000 प्रति माह के प्रलोभन की बात कर ही है. ये किसानों के साथ ठगी नहीं तो क्या है. जून महीने में किसान मोर्चा का प्रत्येक दायित्व वान कार्यकर्ता पदाधिकारी प्रवास पर रहेगा और प्रत्येक किसान के दरवाजे तक किसान मोर्चा कार्यकर्ता पहुंचेगा.
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9 साल वर्जेस 60 साल :किसान मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष सुमन कुल्हरी गढ़वाल ने बताया कि कृषि और पशुपालन हमारी अर्थव्यवस्था का हमेशा से ही आधार रहे. आज भी यह बात उतनी ही प्रासंगिक है, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस किसान वर्ग को पूरे साढ़े चार हासिए पर रखा है. अब यही किसान आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आइना दिखाएगा. किसानों के साथ इन साढ़े 4 सालों में हुई नाइंसाफी को किसान मोर्चा विशेषकर महिला पदाधिकारी गांव गांव ढाणी ढाणी में जाकर किसानों को जागरूक करेगी. उन्हें बताएगी कि किस तरह से 9 साल मोदी सरकार की किसानों के लिए उपलब्धियों वाली रही, जबकि कांग्रेस के 60 साल कैसे किसानों की परेशानी वाली रही.