जयपुर.कांग्रेस सरकार के कुशासन में किसान कर्जमाफी, पेपर लीक, बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध सहित अन्य जनहित के मुददों को लेकर बीजेपी का जनआक्रोश अभियान अब 16 मार्च से शुरू होगा. ये अभियान 5 अप्रैल तक चलेगा .
प्रदेश के सभी 33 जिलों में जन आक्रोश अभियान के तहत जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन होगा. इस जिला जन आक्रोश महाघेराव कार्यक्रमों में प्रदेश पदाधिकारी, सांसद, विधायक, जिले के स्थानीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता और आमजन शामिल होंगे. जिसमें कांग्रेस सरकार की ओर से किसानों और युवाओं से की गई वादाखिलाफी के मुद्दे पर सभाएं होंगी, साथ ही जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा.
भरतपुर से होगा आगाजः भाजपा प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि अभियान का आगाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां 16 मार्च को भरतपुर जिला मुख्यालय पर स्थित महाराजा सूरजमल स्टैच्यू के पास ट्रैफिक चैराहा पर जन आक्रोश सभा के साथ करेंगे . इस जन आक्रोश अभियान में किसान कर्जमाफी, पेपर लीक, बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध इत्यादि जनहित के मुददों को लेकर मौजूदा सरकार को घेरा जाएगा.
कार्यक्रम में हुआ बदलावः बता दें कि बीजेपी की ओर से प्रदेश जन में जन आक्रोश अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत पहले 15 मार्च से 30 मार्च तक होनी थी , लेकिन अब कार्यक्रम में बदलाव किया गया है . अब 16 मार्च से 5 अप्रैल तक यह अभियान चलेगा . इस अभियान में हर दिन अलग-अलग जिला मुख्यालय पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. साथ ही सभाओं के जरिए केंद्र सरकार की नाकामी को आम जनता तक पहुंचाने का काम भी किया जाएगा.
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पेपर लीक, बढ़ते अपराध के साथ स्थानीय मुद्दे उठाए जाएंगे : 15 दिन तक चलने वाले इन विरोध-प्रदर्शन में, महिला हिंसा, पेपर लीक, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, किसान कर्जमाफी, रोजगार सहित जनता से जुड़ी मुद्दे उठाए जाएंगे. इसके अलावा स्थानीय स्तर के मुद्दों को भी प्रदर्शनों में उठाया जाएगा. बीजेपी पिछले दिनों कई शहरों में हुई सांप्रदायिक घटनाओं और वीरांगनाओं के मुद्दे पर भी गहलोत सरकार को घरेने की तैयारी में है.
प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भी बनी थी रणनीति : इस विरोध-प्रदर्शनों को लेकर पिछले दिनों भाजपा मुख्यालय पर हुई प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भी रणनीति बनाई गई थी. पदाधिकारियों को भी निर्देश दिए गए थे कि वे अपने-अपने जिलों में होने वाले विरोध-प्रदर्शनों में हिस्सा लें, साथ ही आगामी चुनाव के हिसाब से ही इन आंदोलन की रणनीति तैयार करें.