जयपुर.चूरू के सरदारशहर विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव (Sardarshahar By Election) के लिए मंगलवार को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. पार्टी ने पूर्व विधायक अशोक पिंचा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने इसकी जानकारी दी. वहीं, कल यानी 16 नवंबर को अब अशोक पिंचा अपना नामांकन दाखिल करेंगे. इस दौरान प्रदेश बीजेपी के सीनियर नेता रैली निकालकर सरदारशहर में पिंचा को नामांकन दाखिल करवाएंगे.
सरदारशहर सीट के लिए मतदान 5 दिसंबर को होगा, जबकि 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भंवरलाल शर्मा से 16816 वोटों के अंतर से पिंचा चुनाव हार गए थे. इससे पहले 2008 से 2013 तक पिंचा विधायक रहे थे.
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कल नामांकन दाखिल करेंगे पिंचा:पिंचा कल यानी 16 नवंबर को नामांकन भरेंगे. नामांकन की अंतिम तिथि 17 नवंबर है. वहीं, नामांकन पत्रों की जांच 18 नवंबर को होगी. इसके बाद 21 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे तो 5 दिसंबर को मतदान और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे.
कौन हैं अशोक पिंचा:अशोक पिंचा सरदारशहर के पूर्व विधायक रहे हैं. पिंचा जैन समाज से आते हैं. सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र में भले ही जैन समाज के वोट बहुत कम हो, लेकिन पार्टी जैन समाज के उम्मीदवार को मैदान में उतरती है. पिंचा उद्योग घराने से आते हैं और उनका सरदारशहर में बड़ा मेडिकल का कारोबार है. साथ ही वो जनसंघ के जमाने से पार्टी की विचारधारा से जुड़े हैं.
ये रहा पिंचा का रिकॉर्ड: 2018 विधानसभा चुनाव में भंवरलाल शर्मा से 16,816 वोटों के अंतर से अशोक पिंचा हारे थे. इससे पहले एक बार अशोक पिंचा 2008 से 2013 तक बीजेपी विधायक रहे थे. 2018 के विधानसभा चुनाव में भंवरलाल 18 हजार 816 वोटों से चुनाव जीते थे. उन्हें 95 हजार 282 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार अशोक पिंचा को 78 हजार 466 वोट मिले थे. 2013 के विधानसभा चुनाव में भंवरलाल 7 हजार 57 वोटों से चुनाव जीते थे. उन्हें 86 हजार 732 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार अशोक पिंचा को 79 हजार 675 वोट मिले थे .
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कांग्रेस के अनिल शर्मा से होगा पिंचा का मुकाबला:कांग्रेस पार्टी से पूर्व विधायक भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा का टिकट तय माना जा रहा है. पार्टी ने अनिल शर्मा के टिकट पर मुहर लगा दी. ऐसे में अब यह तय हो गया है कि पिंचा और अनिल शर्मा के बीच ही मुकाबला होगा. हालांकि पहले दो बार लगातार हार का सामना कर चुके अशोक पिंचा ने अबकी उपचुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की थी.
पिंचा ने दो दिन पहले झुंझुनूं में हुई कार्यसमिति की बैठक में भी चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन बड़े नाटकीय घटनाक्रम के बाद बीजेपी ने आखिरकार पिंचा के नाम पर ही मुहर लगा दी है.