जयपुर. हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर जिले को चार टुकड़ों में बांटने की घोषणा की है. जिसमें जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू और कोटपूतली जिला घोषित किया गया है. हालांकि अब शहर के कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक जाजम पर आकर जयपुर को टुकड़ों में बांटने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि जयपुर एक आत्मा है. ऐसे में उत्तर और दक्षिण करके गोविंद देवजी और मोती डूंगरी गणेश मंदिर को अलग-अलग करना उचित नहीं है. मंगलवार शाम को जयपुर के जय क्लब में आयोजित बैठक में सभी ने अपने विचार रखें.
बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी ने कहा कि सरकार ने जयपुर उत्तर और दक्षिण करने का प्रस्ताव दिया है. जयपुर अपने आप में एक पूरी विरासत, एक इतिहास और संस्कृति है. मानसिक रूप से जयपुर के लोगों का एक जुड़ाव है. हम चाहते हैं कि भविष्य में जुड़ाव मजबूत हो. जयपुर का विभाजन होने से आने वाली पीढ़ी जयपुर की हिस्ट्री से कनेक्ट नहीं कर पाएगी. जयपुर को एक रखने के लिए जयपुरवासी एकत्रित हुए हैं. अलग-अलग राजनीतिक दलों और धर्म से जुड़े हुए लोगों ने एकत्रित होकर अपने विचार रखे हैं. सभी ने एक राय से जयपुर विभाजन पर चिंता व्यक्त की है. हम सरकार और जनप्रतिनिधियों के पास जाकर आग्रह करेंगे कि जयपुर और इसकी विरासत को बचाएं.
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कांग्रेस नेता ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि जयपुर उत्तर और दक्षिण से कहीं हम जयपुर को नहीं खो दें. जयपुर बहुत पुराना शहर है. जयपुर का हम 295वां स्थापना दिवस मनाने जा रहे हैं. जयपुर की विरासत है कि हम आमेर से लेकर सांगानेर तक जयपुर देखते हैं. हम चाहते हैं कि एक सीमा बन जाए, जिससे कि जयपुर को जयपुर ही नाम दिया जाए. ग्रामीण क्षेत्र है तो उसमें अलग जिला बनने से वहां के लोगों को लाभ होगा. उसका सरकार अपने हिसाब से नाम तय कर ले. लेकिन जयपुर शहर और इसकी विरासत का नाम जयपुर ही रखा जाए. इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार करके जयपुर के सभी प्रतिनिधियों से मिलेंगे. सभी से बात करके सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे. यह जयपुर की भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है. हमें उम्मीद है कि इस आग्रह को मुख्यमंत्री स्वीकार करेंगे और जयपुर की भावनाओं के अनुरूप जयपुर का नाम रह पाएगा.