जयपुर. राजधानी जयपुर में पतंगबाजी से बेजुबान पक्षी घायल हो रहे हैं. मकर सक्रांति पर 14 जनवरी और 15 जनवरी को करीब 2000 पक्षी घायल हुए. करीब 400 से अधिक पक्षियों की 2 दिनों में मौत हुई है. घायल बेजुबान पक्षियों के इलाज के लिए जयपुर शहर में करीब एक दर्जन जगहों पर एनजीओ के सहयोग से पक्षी उपचार शिविर लगाए गए हैं.
रक्षा संस्थान के पक्षी उपचार केंद्र पर 170 घायल पक्षी आए और 10 पक्षी मृत अवस्था में आए. नेचर केयर संस्थान के पक्षी उपचार केंद्र पर 75 घायल पक्षी आए, जिनमें करीब 12 की मौत हुई. अशोक विहार पक्षी उपचार केंद्र पर 122 पक्षी घायल अवस्था में लाए गए. करीब 15 पक्षी मृत आए. होप एंड बियोंड संस्था के पक्षी उपचार शिविर पर करीब 150 घायल और 15 मृत पक्षी आए हैं. इसके अलावा हेल्प एंड सर्व चैरिटेबल ट्रस्ट के शिविर में 93 पक्षी घायल और 5 पक्षी मृत आए हैं.
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डिजास्टर असिस्टेंस एंड रेस्क्यू टीम के शिविर में करीब 46 पक्षी घायल आए हैं. इको रेसक्यूअर्स फाउंडेशन के शिविर में 40 पक्षी घायल और 4 पक्षी मृत आए हैं. श्री कृष्ण सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के शिविर में 43 पक्षी घायल और 4 पक्षी मृत आए हैं. श्री राम गो सेवा दल के पक्षी उपचार शिविर में करीब 150 पक्षी घायल आए, जिनमें 12 की मौत हो गई. एनवायरनमेंट एंड वाइल्डलाइफ केयर सोसाइटी के शिविर में करीब 60 पक्षी घायल अवस्था में आए, जिनमें 5 मृत शामिल हैं. इसके अलावा अन्य संस्थानों के शिविर में भी घायल पक्षी आए हैं. सभी का पक्षी उपचार केंद्रों पर इलाज किया जा रहा है.
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि वन विभाग का अशोक विहार पक्षी उपचार केंद्र पूरे साल चालू रहता है. मकर सक्रांति पर ज्यादा पक्षी घायल होते हैं इसीलिए शहर के विभिन्न इलाकों में पक्षी उपचार शिविर लगाए गए हैं. ज्यादातर पक्षी पंख कटे हुए आ रहे हैं. घायल पक्षियों के इलाज, भोजन और पानी के इंतजाम भी किए गए हैं. पक्षियों को ठंड से बचाने के लिए सेंटर पर हीटर की व्यवस्था भी की गई है. लोगों से अपील की गई है कि सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे तक और शाम को 5:00 बजे से 7:00 बजे तक पतंगबाजी नहीं करें.