जयपुर. बिपरजॉय चक्रवाती तूफान से बचाव के लिए राजस्थान में भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बुधवार को मुख्य सचिव उषा शर्मा ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार होने का दावा किया. मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी हालात से निपटने के लिए एसडीआरएफ की 17 टीमें नियुक्त की गई हैं और 30 टीम रिजर्व में हैं. जहां कहीं भी इसकी जरूरत होगी, वहां इन्हें भेजा जाएगा.
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सभी अधिकारी अपने हेडक्वार्टर में मौजूद रहेंः सीएस शर्मा ने शासन सचिवालय में बिपरजॉय चक्रवाती तूफान के असर से राजस्थान को बचाने के लिए कलेक्टरों की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा भी मौजूद रहे. वहीं तूफान से प्रभावित होने की आशंका वाले जिलों के कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बैठक में शामिल हुए. इस दौरान उषा शर्मा ने कहा कि बिपरजॉय को लेकर हमारी तैयारियों का स्तर इस प्रकार का होना चाहिए कि किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हो. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने हेडर्क्वाटर पर मौजूद रहें.
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जागरूकता की मुहिम पर जोरः मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बिपरजॉय से पहले की तैयारी बैठक में कहा कि लोगों में इस प्राकृतिक आपदा से बचाव के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहुंचाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि निचले इलाकों में जलमग्नता की वजह से लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए ग्राम प्रधान, ग्राम रक्षक, सुरक्षा सखी, सभी पंचायत समिति के सदस्यों की मदद लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान हमेशा से आपदा प्रंबधन में अव्वल रहा है. इस बार भी हम इससे अच्छे से गुजर जाएंगे.
जालोर और बाड़मेर में 16 जून को प्रवेश करेगा तूफानः बैठक में मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह सिस्टम 16 जून को डीप डिप्रेशन के रूप में जालोर और बाड़मेर में प्रवेश करेगा. जिसकी रफ्तार 50 से 60 किमी/घंटा रह जाएगी. इस वजह से प्रदेश में भारी बारिश और आंधी आ सकती है. पश्चिम राजस्थान के हिस्सों में 300 से 400 एमएम तक बारिश हो सकती है. 17 जून के बाद यह सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाएगा. बैठक में मौजूद कलेक्टरों ने भरोसा दिलाया कि बिजली, मेडिकल, पुलिस जैसे महकमों को अलर्ट कर दिया गया है, वे अपनी मशीनरी के साथ सर्तक हैं.