जयपुर. राजस्थान में नाबालिग बच्चियों को खरीदने और बेचने के मामले पर (RSCW President Rehana Rayaz) राष्ट्रीय और राज्य महिला आयोग आमने-सामने हो गई हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग ने जहां राजस्थान पुलिस और सरकार पर सवाल उठाए, वहीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने भीलवाड़ा की घटना को पुराना मामला बताते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग के दौरे पर सवाल उठाया. मंगलवार को जयपुर में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग को सिर्फ राजस्थान ही क्यों दिखता है, वह अन्य राज्यों में क्यों नहीं जाती हैं
भीलवाड़ा का मामला पुराना :राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने भीलवाड़ा में स्टाम्प पेपर पर नाबलिग बच्चियों को बेचने के मामले में कहा कि स्टाम्प पेपर 17 साल पुराना है. मामला तीन साल पुराना है और कोर्ट में केस विचाराधीन है. रेहाना रियाज ने कहा कि उन्होंने स्वयं भीलवाड़ा पहुंच कर पुलिस और जिला प्रशासन से बातचीत की है. सारी जानकारी हासिल कर दस्तावेज चेक किए. स्टाम्प पेपर 2005 के हैं, सर्टिफाइड भी नहीं हैं. मामला 2019 का है, इसमें भी पुलिस ने कार्रवाई कर 25 लाेगों को गिरफ्तार किया. अभी केस कोर्ट में विचाराधीन है. इनमें चार की मौत हो चुकी है. दो नाबालिग बच्चियों को बालिका सुधार गृह में भेजा गया, जिनमें एक 18 साल उम्र होने पर सहमति से बाहर भेजा है.
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पुराने मामले को क्यों उछाला गया :रेहाना रियाज ने कहा कि मामला 2019 का था, इसे अभी क्यों उछाला गया है, यह समझ से परे है. गांव में गई तो लोगों ने बताया कि इस मामले को उछालने से उनके लिए मुसीबत हो गई. कॉलेज जाते हैं, बाहर जाते हैं तो गांव व जात का नाम सुनते ही कमरा तक नहीं देते हैं. अब ज्यादातर लोग पढ़ाई कर रहे हैं. लंबे समय से इस प्रकार का कोई मामला नहीं आया है. उन्होंने कहा कि गांव वालों में आक्रोश था, वो कह रहे हैं कि हमारे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है.
राष्ट्रीय और राज्य महिला आयोग आमने-सामने राजस्थान ही क्यों ? :रेहाना रियाज ने कहा कि राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष रेखा शर्मा राजस्थान में सिर्फ पॉलिटिकल टूरिज्म (Rehana Rayaz Questioned NCW Rajasthan Visit) के लिए आईं थीं. उन्होंने जो आरोप प्रदेश की सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर लगाए हैं, वह गलत हैं. राजस्थान की पुलिस महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है. जब भी राज्य महिला आयोग पुलिस को कोई निर्देश देता है तो संबंधित जिले के पुलिस अधिकारी उस पर तत्परता से कार्रवाई करते हैं. लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष का यह कहना कि राजस्थान की पुलिस काम नहीं कर रही है, ये सरासर गलत है.
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रेखा शर्मा सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए इस तरह के बयान दे रही हैं. अगर उन्हें वास्तव में महिला और बच्चों की सुरक्षा की चिंता है तो वह अन्य राज्यों में दौरा करने क्यों नहीं जाती हैं. उन्हें सिर्फ राजस्थानी क्यों दिखाई देता है और अगर राजस्थान में उन्हें कोई कमी नजर आती है तो उसके लिए राज्य महिला आयोग को भी तो वह सूचित कर सकती हैं. अगर उन्हें महिलाओं-बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता होती तो वह राज्य महिला आयोग के साथ संवाद कायम करतीं. वह जब भी राजस्थान आईं हैं, उन्होंने कभी भी राज्य महिला आयोग को सूचित नहीं किया.
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राष्ट्रीय महिला आयोग का आरोप :बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने 2 दिन पहले ही राज्य सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि न राजस्थान की सरकार महिला और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और न ही पुलिस. रेखा शर्मा ने यहां तक आरोप लगाया था कि वह 3 दिन से पुलिस महानिदेशक डीजीपी से मिलने के लिए समय मांग रही हैं, लेकिन डीजीपी उनसे मिलने को तैयार नहीं हैं. रेखा शर्मा ने यह भी आरोप लगाया था कि राजस्थान की पुलिस की मिलीभगत से ही प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों की देह व्यापार का कारोबार फल-फूल रहा है. आयोग ने यहां तक कहा था कि इस पूरे मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश करेंगी.