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Jaipur Police Action: रामनगरिया के बाद अब भट्टा बस्ती थाना अधिकारी सस्पेंड, जानें पूरा मामला

जमीन कब्जा मामले में एक और पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के आदेश पर भट्टा बस्ती एसएचओ हुकुम सिंह को निलंबित कर (Jaipur Police Commissionerate Alert) दिया गया है.

Jaipur Police Commissionerate Alert
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Published : Feb 15, 2023, 12:13 PM IST

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से क्राइम और पुलिस की भूमिका को लेकर बीते दिनों की गई समीक्षा बैठक के बाद अब जयपुर पुलिस कमिश्नरेट अलर्ट मोड में है. ड्यूटी में लापरवाही और आरोपियों से ताल्लुक रखने वाले पुलिसकर्मियों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने ऐसे मामलों में एकदम से सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. वहीं, सोमवार को रामनगरिया थाना अधिकारी और सांगानेर एसीपी को सस्पेंड करने के बाद मंगलवार को जयपुर के भट्टा बस्ती एसएचओ हुकुम सिंह को निलंबित कर दिया गया है.

क्यों हुई भट्टा बस्ती थाना अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई - राजधानी में भू माफियाओं के साथ मिलकर पुलिस के प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है. प्लॉट खाली करवाने के लिए धमकाने और सुसाइड मामले में जयपुर पुलिस कमिश्नर ने भट्टा बस्ती थाना अधिकारी हुकुम सिंह को सस्पेंड कर दिया है. सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने आदेश जारी किया. वहीं, पुलिस से प्रताड़ित होकर सोमवार को शास्त्री नगर निवासी आनंद सिंह ने खुदकुशी कर ली थी. लेकिन मरने से पहले पीड़ित ने एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने खुदकुशी की वजहों का जिक्र किया था. सुसाइड नोट में लिखा था कि भट्टा बस्ती एसएचओ प्लॉट खाली करवाने के लिए उस पर दबाव बना रहे थे.

मृतक ने लिखा सुसाइड नोट, लगाए गंभीर आरोप-मृतक आनंद सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा कि उन पर और उनके भाई सरदार सिंह पर भट्टा बस्ती थाना एसएचओ हुकुम सिंह और लक्ष्मी नारायण गुर्जर ओम शिव कॉलोनी स्थित प्लॉट को खाली करने का दबाव बना रहे हैं. यह प्लॉट उनके पिताजी स्वर्गीय नरपत सिंह राठौड़ ने इकरारनामा के जरिए 1987 में खरीदा था. प्लॉट का निर्माण उनके पिताजी ने करवाया था. साथ ही 20-25 साल पहले ही बिजली का कनेक्शन भी करवा लिया गया था.

प्लाट को हड़पने की नीयत से लक्ष्मी नारायण गुर्जर और उसके बेटे गोविंद रावत, पुत्री नायाब तहसीलदार और नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर प्रशासन संघ कैंप में पट्टा ले लिया था. इसके बाद उस पर और उनके भाई पर 50 लाख में प्लाट देने का दबाव बनाया जा रहा था. अंतत: वो दबाव नहीं सह सका और उसने खुदकुशी कर ली. जिसके लिए सुसाइड नोट में उल्लेखित नाम जिम्मेदार हैं.

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सुसाइड नोट लिखकर आनंद सिंह ने झोटवाड़ा इलाके में खुदकुशी कर ली. वहीं, मृतक के परिजनों ने मंगलवार को झोटवाड़ा थाने में भट्टा बस्ती एसएचओ हुकुम सिंह, लक्ष्मी नारायण और उसके बेटे इनकम टैक्स इंस्पेक्टर गोविंद रावत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बाद मामला जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के पास पहुंचा तो उन्होंने उक्त मामले में कार्रवाई करते हुए भट्टा बस्ती एसएचओ को निलंबित कर दिया.

कमिश्नर ने जारी किया आदेश -जयपुर पुलिस कमिश्नर ने सुसाइड नोट के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसएचओ हुकुम सिंह को सस्पेंड कर दिया. कमिश्नर ने आदेश जारी किया है कि भट्टा बस्ती थाना अधिकारी हुकुम सिंह के विरुद्ध विभागीय जांच प्रस्तावित है. हुकुम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. निलंबन अवधि के दौरान हुकुम सिंह मुख्यालय रिजर्व पुलिस लाइन जयपुर आयुक्तालय में रहेगा.

यह था रामनगरिया थानाधिकारी और एसीपी सांगानेर पर आरोप - सोमवार को एसीपी सांगानेर रामनिवास विश्नोई और रामनगरिया एसएचओ राजेश शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया. सोमवार को पुलिस मुख्यालय के आदेश पर दोनों अधिकारियों को सस्पेंड किया गया. इन दोनों को जमीन कब्जा मामले में सस्पेंड किया गया है. रामनगरिया थाना इलाके में जमीन पर कब्जे के मामले को लेकर परिवादी ने विजिलेंस में शिकायत दी थी. पुलिस मुख्यालय की विजिलेंस ने मामले की जांच पड़ताल की तो दोनों अधिकारियों की ओर से पद का दुरुपयोग करने की बात सामने आई. इसके बाद विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर एसीपी सांगानेर रामनिवास विश्नोई और रामनगरिया एसएचओ राजेश शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया.

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