जयपुर. राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी का कहना है कि भरतपुर में नाबालिग के साथ न्यायिक अधिकारी का कुकर्म का मामला काफी गंभीर है. ऐसे अपराधियों को सजा देकर न्यायपालिका को अपनी प्रतिष्ठा बनानी चाहिए.
उन्होंन कहा कि न्यायिक पद का दुरुपयोग कर नाबालिग के साथ किया गया यह अपराध समाज में किस मानसिकता का प्रतीक है, ये सभी को समझने की जरूरत है. जिससे समाज को न्याय की उम्मीद हो, वो ही अगर ऐसे मामलों में लिप्त होंगे, तो ये गंभीर मामला है. नाबालिग का वीडियो बनाकर परिजनों को धमकाने के लिए पुलिस का भी दुरुपयोग किया गया है, ऐसे अपराधियों को सजा देकर न्यायपालिका को अपनी प्रतिष्ठा बनानी चाहिए.
न्यायपालिका बनाए रखे अपनी प्रतिष्ठा- मनन चतुर्वेदी पढ़ें:राजस्थान : यौन दुराचार का आरोपी जज फरार, रजिस्टार विजिलेंस टीम पहुंची भरतपुर
आपको बता दें कि भरतपुर में विशेष जज जितेंद्र गुलिया और उनके दो कर्मचारी अंशुल सोनी और राहुल कटारा के खिलाफ नाबालिग के साथ कुकर्म करने का मामला दर्ज हुआ है. नाबालिग की मां ने बताया कि जब उसने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, तो 29 तारीख को उनके घर अंशुल, राहुल और एसीबी के सीओ परमेश्वर लाल यादव कुछ पुलिसकर्मी आए. घर पर पहुंचे अधिकारियों ने महिला को धमकी दी कि वह बच्चे को जज साहब के पास भेज दे, नहीं तो वह सभी को जेल में सड़वा देंगे. मामला सामने आने के बाद घटना की चौतरफा निंदा हो रही है.