जयपुर.जयपुर. राजस्थान में 25 सितंबर को हुए घटनाक्रम ने (Bharat Jodo Yatra In Rajasthan) कांग्रेस के भीतर सियासी तूफान उठा दिया था. गहलोत और पायलट कैंप के बीच जारी शह-मात के खेल में इस तारीख को जो कुछ हुआ उससे अब तक पार्टी उबर नहीं पाई है. ऊपरी सतह पर नजर आ रही शांति के बीच अंदरखाने सियासी दूरियां गहलोत और पायलट के दरमियान किस कदर गहरी हो चुकी है. उसकी एक तस्वीर बुधवार को भारत जोड़ो यात्रा के लिए राजस्थान कांग्रेस की ओर से बुलाई गई कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक के दौरान देखने को मिली. इस बैठक में गहलोत और पायलट दोनों मौजूद रहे, लेकिन दोनों नेताओं के बीच की दूरी साफ दिखाई दी.
बैठक में सुबह 11.30 बजे सचिन पायलट पहुंच गए. लेकिन सीएम अशोक गहलोत दोपहर 12.30 बजे इस बैठक में पहुंचे. बैठक में शामिल होने के लिए जैसे ही गहलोत कक्ष में पहुंचे तभी पायलट के साथ ही अन्य सभी लोग भी खड़े हुए. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने हाथ जोड़कर गहलोत का अभिवादन किया. इस बीच सीएम गहलोत कुर्सी के पास पहुंचे और इधर-उधर देखते हुए बैठ गए. इस दरमियान एक बारगी सचिन पायलट ने गहलोत को देखा जरूर, लेकिन नजरों के बीच की दूरियां बरकरार ही रही. दोनों नेता बिना कुछ कहे कुर्सी पर बैठ गए और भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बुलाई गई बैठक पर चर्चा शुरू हो गई. दोनों नेताओं के एक साथ मिलने और सियासी दूरियों की चर्चा मीटिंग कक्ष से निकलकर सियासी गलियारों में दिनभर बनी रही.
गहलोत के आने के बाद ही बैठक शुरू हुई, लेकिन पायलट भले ही बैठक में जल्दी आए हों लेकिन गहलोत के आने के आधे घंटे के बाद ही वह मध्यप्रदेश के लिए निकल गए, जहां वह भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे. बैठक से पहले निकले सचिन पायलट किसी तरीके के विवाद से दूर रहे. हालांकि, विजय बैंसला की ओर से दी जा रही यात्रा रोकने की धमकी को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि यह भाजपा की साजिश है और भाजपा यात्रा को रोकने के प्रयास कर सकती है.
पायलट ने कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा के जरिए लोगों को जोड़ने का काम कर रही है और राजस्थान में यह यात्रा ऐतिहासिक होगी. उन्हीने कहा कि यह कोई पॉलिटिकल यात्रा नहीं है और इसके जरिए लोगों से जुड़ा होगा. पायलट ने कहा कि भाजपा यह भी कह रही थी कि दक्षिण भारत के बाद उत्तर भारत में इसका असर नहीं होगा, लेकिन जिस तरह से महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश में शुरु हुई है अब राजस्थान आएगी तो भाजपा का भ्रम टूट जाएगा.
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