जयपुर. प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ ही योजनाओं के नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है. प्रदेश की भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार की एक और योजना का नाम बदलने का बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इंदिरा रसोई योजना का नाम बदल दिया है. इस योजना का नाम अब श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया है. इससे पहले चिरंजीवी योजना का नाम बदलकर आयुष्मान चिरंजीवी योजना किया गया था.
कमियों के बीच बदला नाम :बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय जयपुर दौरे पर हैं. जयपुर पहुंचने के साथ पीएम मोदी बीजेपी कार्यालय पहुंचे. पीएम के पार्टी कार्यालय पहुंचने के साथ ही प्रदेश की भजनलाल सरकार ने इंदिरा गांधी रसोई योजना में खामियों को देखते हुए सुधार करने के साथ ही योजना का नाम भी बदल दिया है. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि इस योजना में काफी कमियां लगातार सामने आ रही थीं. आम जनता की ओर से मिल रहे सुझावों के आधार पर अब इस योजना को नए सिरे से लागू किया जाएगा और इस योजना का नाम भी अब श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना किया जाता है.
इसे भी पढ़ें-विदेशी सैलानियों को इंदिरा रसोई का जायका पसंद आया, खाने के बाद बोलीं- Thank you Chief Minister
वसुंधरा सरकार में था अन्नपूर्णा नाम : वसुंधरा सरकार में तमिलनाडु की अम्मा रसोई योजना की तर्ज पर राजस्थान में अन्नपूर्णा रसोई योजना शरू की गई थी, इससे योजना के तहत प्रदेश के प्रमुख शहरों में अन्नपूर्णा रसोई की वैन शरू की गई थी. इसके बाद 2018 में भाजपा की सरकार बदल गई है. इसके बाद कांग्रेस की गहलोत सरकार ने जून 2020 में इस योजना को इंदिरा रसोई के नाम से लॉन्च किया. कोरोना काल मे शरू हुई योजना को शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र तक स्थाई रसोई के साथ इस योजना का विस्तार किया गया. जिसमें 5 रुपए में भरपेट नाश्ता और 8 रुपये में भरपेट भोजन करवाया जाता है. भजनलाल सरकार ने फिर से इस योजना का नाम बदला है, लेकिन इस बार खास बात है कि इसका नाम श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना किया गया है.
मिलेट्स डे आज : आज मिलेट्स डे भी है यानी श्री अन्न दिवस. मोटे अनाज को "श्री अन्न" नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही दिया था. भजनलाल सरकार ने इस खास दिन पीएम मोदी की मौजूदगी में इस योजना की घोषणा की. श्री अन्नपूर्णा रसोई की थाली में मोटा अनाज प्रमुखता से मिलेगा, बताया जा रहा है कि दाम में कोई बदलाव नहीं होगा. फिलहाल शहरी क्षेत्रों में 1 हजार और ग्रामीण क्षेत्रों में 982 रसोई संचालित हैं.