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Special : इन बदमाशों की गर्लफ्रेंड बनीं क्राइम पार्टनर, ऐसे फंसे पुलिस की चंगुल में - अनुराधा और आनंदपाल की जोड़ी

राजस्थान में अपराध का ट्रेंड लगातार बदलने के साथ ही अपराधियों का ब्यूटी कनेक्शन भी सामने आता रहा है. कई ऐसे अपराधी जो एक समय में पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने रहे, उन सभी की गर्लफ्रेंड की क्राइम पार्टनर के तौर पर भूमिका सामने आई है. इसे हथियार बनाकर पुलिस भी लगातार बदमाशों की कमर तोड़ने लगी है. देखिए ये रिपोर्ट...

Beauty Connection of Criminals
अपराध का 'ब्यूटी' कनेक्शन

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Published : May 5, 2023, 7:14 PM IST

रिटायर्ड एएसपी राजेंद्र सिंह क्या कहते हैं...

जयपुर. राजस्थान में अब अपराध का ट्रेंड लगातार बदल रहा है. कहने में भले ही अपराध जगत को काली दुनिया कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इस काली दुनिया का 'ब्यूटी कनेक्शन' भी सामने आया है. दरअसल, संगठित रूप से गिरोह चलाने वाले बदमाश अब गिरोह में महिलाओं को भी क्राइम पार्टनर बना रहे हैं. कई मामलों में तो सामने आया है कि बदनाशों की गर्लफ्रेंड ही उनकी क्राइम पार्टनर बन रही है और अपराध में सहयोग कर रही है.

दूसरी तरफ पुलिस भी बदमाशों की इस कमजोर नब्ज को पकड़ने में सफल रही है. बीते दिनों राज्य में ऐसे कई उदहारण सामने आए हैं, जब बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस ने उनकी क्राइम पार्टनर या गर्लफ्रेंड पर शिकंजा कसा और उनसे उगलवाए राज के आधार पर बदमाशों तक पहुंच कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया है. आइए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ चर्चित मामलों पर.

अपराध का बदल रहा ट्रेंड...

पढ़ें :Rajasthan Crime Control: प्रत्येक जिले में पुलिस बनाएगी हिट लिस्ट, संगठित अपराधों पर कसेगी लगाम

शेरसिंह से पहले गर्लफ्रेंड अनीता चढ़ी हत्थेः वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर आउट मामले के मुख्य सूत्रधार अनिल मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा को एसओजी ने 6 अप्रैल को ओडिशा से गिरफ्तार किया था. वह वहां एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में मजदूरी कर फरारी काट रहा था. इससे पहले एसओजी ने शेरसिंह की गर्लफ्रेंड अनीता मीणा को गिरफ्तार किया था. झुंझुनूं की रहने वाली अनीता जयपुर के सी-स्कीम स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थी और लंबे समय से शेरसिंह के साथ रिलेशनशिप में थी. जांच में पता चला कि शेरसिंह की काली कमाई को ठिकाने लगाने और इन्वेस्ट करने में अनीता की अहम भूमिका रही थी. उसके घर से जमीन में गाड़कर रखे 19.50 लाख रुपए भी बरामद किए गए थे.

पुलिस गिरफ्त में अनिल मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा...

भूपेंद्र सारण से पहले प्रियंका गिरफ्तारः वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर आउट मामले के ही एक अन्य आरोपी भूपेंद्र सारण की गिरफ्तारी से पहले उसकी गर्लफ्रेंड प्रियंका उर्फ पिंकी पुलिस के हत्थे चढ़ी थी. प्रियंका के घर पर छापेमारी में पुलिस को बड़े पैमाने पर फर्जी अंक तालिकाएं और डिग्रियां मिली थी. यह अंकतालिकाएं और डिग्रियां अलग-अलग विश्वविद्यालयों की थी. पुलिस ने पिछले साल 28 दिसंबर को प्रियंका को गिरफ्तार किया था. इसके बाद इस साल 23 फरवरी को भूपेंद्र सारण को बेंगलुरू से पकड़ा गया था. माना जा रहा है कि प्रियंका की गिरफ्तारी के बाद जांच टीम को भूपेंद्र के बारे में पुख्ता जानकारी मिली थी और उसी के आधार पर पीछा कर भूपेंद्र को पकड़ने में पुलिस और एसओजी को सफलता मिली.

फायरिंग के आरोपी वीरेंद्र की क्राइम पार्टनर गिरफ्तारः चूरू जिले के सुजानगढ़ में एक ज्वेलरी कारोबारी की दुकान पर फायरिंग के मुख्य साजिशकर्ता वीरेंद्र चारण पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित है. अब पुलिस ने उसकी क्राइम पार्टनर जया कंवर (54) को गिरफ्तार किया है. उस पर आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है. बताया जा रहा है कि वह 2012 से वीरेंद्र के संपर्क में है, उस पर फायरिंग के आरोपी गोपाल सिंह और अन्य को शरण देने का आरोप है. पहले भी उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. उसकी गिरफ्तारी के बाद संभावना है कि पुलिस को वीरेंद्र के बारे में कोई ठोस सुराग हाथ लग सकता है.

पपला गुर्जर और जिया

नाम बदलकर गर्लफ्रेंड के साथ रहा था पपला गुर्जरः एक समय राजस्थान पुलिस के लिए कड़ी चुनौती बना पपला गुर्जर 29 जनवरी 2021 को कोल्हापुर में पुलिस के हत्थे चढ़ा था. वह अपनी गर्लफ्रेंड जिया के साथ नाम बदलकर वहां रह रहा था. पुलिस का शिकंजा कसता देखकर उसने मकान की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी. लेकिन पुलिस कमांडो ने मुस्तैदी दिखाते हुए उसे दबोच लिया. उस पर पांच लाख रुपए का इनाम था. इससे पहले पुलिस ने 6 दिसंबर 2019 को पपला गुर्जर को पकड़ कर बहरोड़ थाने में रखा था. जहां हथियारों से लैस होकर आए उसके साथियों ने हमला किया और लॉकअप तोड़कर उसे छुड़ा ले गए थे. वह कोल्हापुर में ऊदल सिंह के नाम से रह रहा था, उसकी गर्लफ्रेंड जिया जिम संचालक थी.

चर्चित थी अनुराधा और आनंदपाल की जोड़ीः एक जमाने में गैंगस्टर आनंदपाल सिंह और अनुराधा की जोड़ी भी अपराध जगत में काफी चर्चित थी. अनुराधा आनंदपाल की क्राइम पार्टनर और गर्लफ्रेंड थी और गैंग को चलाने में भी उसकी अहम भूमिका थी. जब आनंदपाल सिंह पुलिस पर हमला फरार हुआ था तो अनुराधा जेल में थी और 24 जून 2017 को आनंदपाल का एनकाउंटर होने के करीब 7 महीने बाद जेल से बाहर आई थी. हालांकि, बीते दिनों अनुराधा ने मीडिया में दिए इंटरव्यू में कहा था कि वह आनंदपाल की गर्लफ्रेंड नहीं थी. उसने यह भी कहा था कि वह जल्द गैंगस्टर काला जठेड़ी से शादी करने वाली है.

चर्चित थी अनुराधा और आनंदपाल की जोड़ी...

गर्लफ्रेंड के चक्कर में पकड़ा गया था अनुज गुर्जरः भरतपुर के चर्चित डॉक्टर दंपती हत्याकांड का आरोपी 14 जून 2021 को तब पुलिस के हत्थे चढ़ा, जब वह अपनी प्रेमिका से मिलने जा रहा था. इससे पहले वारदात को अंजाम देकर वह करीब 16 दिन तक पुलिस को चकमा देता रहा. बता दें कि 28 मई 2021 को भरतपुर में डॉ. सुदीप गुप्ता और पत्नी डॉ. सीमा की गोलियों से भूनकर अनुज गुर्जर ने हत्या कर दी थी. इसके बाद से वह फरार था. अनुज की बहन दीपा का डॉ. सुदीप से अफेयर था. इसका पता चलने पर डॉ. सीमा ने दीपा के घर में उसे बंद कर आग लगा दी थी. इससे दीपा और उसके बेटे की मौत हो गई थी. इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर दंपती को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन जब दोनों जमानत पर बाहर आए तो बदला लेने के लिए अनुज ने दोनों को गोलियों से भून दिया था.

कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक के आरोपी को दिल्ली से पकड़ा था:राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2021 के पेपर आउट मामले में फरार आरोपी मोहन की गिरफ्तारी में भी उसकी पत्नी प्रिया से एसओजी को बड़ी लीड मिली थी. प्रिया की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो मोहन के बारे में भी एसओजी को जानकारी मिली. इस पर एसओजी ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया.

राजस्थान के चर्चित बदमाश और उनकी गर्लफ्रेंड...

गोपनीय सूचना पहुंचाने और लेनदेन में होती हैं सहायक: रिटायर्ड एएसपी राजेंद्र सिंह का कहना है कि संगठित अपराध में महिलाओं को साथ रखने की अपराधियों की भावना बहुत लंबे समय से चली आ रही है. अभी ज्यादातर अपराध रंगदारी और अपहरण के सामने आ रहे हैं. महिला मित्रों से अपराधियों को काफी हद तक फायदा होता है. कई गोपनीय संदेश पहुंचाने में ये महिला मित्र सहायक होती हैं. हथियारों की सप्लाई में भी सहायक होती हैं. रुपए के लेनदेन में भी उनसे मदद मिलती है. उन्हें एक टूल के रूप में अपराधी इस्तेमाल करते हैं. अब ये पैटर्न लगातार बढ़ता जा रहा है. महिलाओं के प्रति पुलिस का एक सॉफ्ट कॉर्नर होता है. वो भी इसका एक बड़ा कारण है. हालांकि, ऐसे मामलों से पुलिस को कई बार एडवांटेज भी मिलता है. महिला मित्रों के माध्यम से कई बार अपराधियों तक पहुंचना आसान हो जाता है. खास बात यह है कि पहले पढ़ी-लिखी महिलाएं अपराध से दूर रहती थीं, लेकिन अब ऐसी महिलाएं भी अपराध में शामिल होने लगी हैं. नजदीकी महिला के अपराध में शामिल होने पर गोपनीयता बनी रहने की भी संभावना होती है.

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