जयपुर. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद भी सीएम के चेहरे पर अंतिम अबतक मुहर नहीं लग पाई है. प्रदेशभर में ये यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसी का जवाब तलाशने के लिए पर्यवेक्षकों का दल राजस्थान आएगा. सरकार गठन में देरी और मुख्यमंत्री की ताजपोशी में विलंब पर प्रदेश के ज्योतिषाचार्यों ने चिंता जताई है. ज्योतिषाचार्यों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि 16 दिसंबर से पहले सीएम की ताजपोशी नहीं होती है तो फिर मलमास लग जाएगा.
शुभ मुहूर्त में हो CM का राज्याभिषेक:आचार्य योगेश पारीक ने बताया कि ग्रह नक्षत्र की स्थितियां बदलाव और अनुकूलता लाने वाली है. वर्तमान में प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री की ताजपोशी का इंतजार है, जिसे सनातन संस्कृति में राज्याभिषेक भी कहा जाता है. ये अगर लग्न और मुहूर्त हो तो प्रदेश के लिए हितकारी होता है. ताजपोशी के लिए तिथि और वार उपयुक्त होना चाहिए.उन्होंने कहा कि साथ ही सूर्य-चंद्र दोनों ही बलवान होना चाहिए. आचार्य पारीक ने बताया कि चूंकि 16 दिसंबर को 3:58 बजे धनु मलमास शुरू हो रहा है यानी वृश्चिक राशि से सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इससे पहले सीएम का राज्याभिषेक होना फलदाई होगा. उन्होंने कहा कि उसमें सबसे उपयुक्त तिथि 11 और 15 दिसंबर की है.
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ग्रह नक्षत्र का पड़ता है प्रभाव:ज्योतिषाचार्य पारीक ने बताया कि 11 दिसंबर की अगर बात करें तो उस दिन सोमवार है और इस दिन मासिक शिवरात्रि का भी योग है. मृदु नक्षत्र होने के कारण इस दिन विशाखा और स्थिर नक्षत्र का निर्माण हो रहा है. हालांकि 11 दिसंबर को भद्रा भी है जो सुबह 7:10 से शाम 6:45 तक रहेगी. लेकिन ये स्वर्ग लोक की भद्रा है जो संपूर्ण कार्य में सर्वश्रेष्ठता प्रदान करती हैं, और जो भी चुनौतियां सामने आएंगी उसे सफलता से पार पाया जा सकता है. ऐसे में 11 दिसंबर सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है, जब सीएम की ताजपोशी की जा सकती है इसके बाद 15 दिसंबर तक मंत्रिमंडल का गठन कर शपथ दिलाई जा सकती है.