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ताजपोशी में हुई देरी तो निकल जाएगा मुहूर्त, बन रहे हैं कई योग

विधानसभा चुनाव में बंपर जीत मिलने के बावजूद भी राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी अब तक अपना सीएम का चेहरा तय नहीं कर पाई है. ज्यों-ज्यों सीएम की कुर्सी की रेस के लिए फेस की तलाश में देरी हो रही है शपथ ग्रहण का शुभ मुहूर्त निकल जाएगा. ज्योतिष गणित के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह का शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर और 15 दिसंबर है और यदि इस शुभ मुहूर्त में सीएम की ताजपोशी नहीं होती, तो फिर मलमास लग जाएगा जिसमें शुभ कार्य वर्जित बताए गए हैं.

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सीएम की ताजपोशी में विलंब पर ज्योतिषाचार्यों ने जताई चिंता

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 8, 2023, 8:25 PM IST

सीएम की ताजपोशी में विलंब पर ज्योतिषाचार्यों ने जताई चिंता

जयपुर. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद भी सीएम के चेहरे पर अंतिम अबतक मुहर नहीं लग पाई है. प्रदेशभर में ये यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसी का जवाब तलाशने के लिए पर्यवेक्षकों का दल राजस्थान आएगा. सरकार गठन में देरी और मुख्यमंत्री की ताजपोशी में विलंब पर प्रदेश के ज्योतिषाचार्यों ने चिंता जताई है. ज्योतिषाचार्यों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि 16 दिसंबर से पहले सीएम की ताजपोशी नहीं होती है तो फिर मलमास लग जाएगा.

शुभ मुहूर्त में हो CM का राज्याभिषेक:आचार्य योगेश पारीक ने बताया कि ग्रह नक्षत्र की स्थितियां बदलाव और अनुकूलता लाने वाली है. वर्तमान में प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री की ताजपोशी का इंतजार है, जिसे सनातन संस्कृति में राज्याभिषेक भी कहा जाता है. ये अगर लग्न और मुहूर्त हो तो प्रदेश के लिए हितकारी होता है. ताजपोशी के लिए तिथि और वार उपयुक्त होना चाहिए.उन्होंने कहा कि साथ ही सूर्य-चंद्र दोनों ही बलवान होना चाहिए. आचार्य पारीक ने बताया कि चूंकि 16 दिसंबर को 3:58 बजे धनु मलमास शुरू हो रहा है यानी वृश्चिक राशि से सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इससे पहले सीएम का राज्याभिषेक होना फलदाई होगा. उन्होंने कहा कि उसमें सबसे उपयुक्त तिथि 11 और 15 दिसंबर की है.
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ग्रह नक्षत्र का पड़ता है प्रभाव:ज्योतिषाचार्य पारीक ने बताया कि 11 दिसंबर की अगर बात करें तो उस दिन सोमवार है और इस दिन मासिक शिवरात्रि का भी योग है. मृदु नक्षत्र होने के कारण इस दिन विशाखा और स्थिर नक्षत्र का निर्माण हो रहा है. हालांकि 11 दिसंबर को भद्रा भी है जो सुबह 7:10 से शाम 6:45 तक रहेगी. लेकिन ये स्वर्ग लोक की भद्रा है जो संपूर्ण कार्य में सर्वश्रेष्ठता प्रदान करती हैं, और जो भी चुनौतियां सामने आएंगी उसे सफलता से पार पाया जा सकता है. ऐसे में 11 दिसंबर सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है, जब सीएम की ताजपोशी की जा सकती है इसके बाद 15 दिसंबर तक मंत्रिमंडल का गठन कर शपथ दिलाई जा सकती है.

उन्होंने बताया कि वृष, तुला और मकर राशि शुक्र और शनि की राशियां हैं. ये राशियां न सिर्फ भौतिक सुख सुविधा देती है, बल्कि जिम्मेदारियां भी देती है. इन राशि के व्यक्ति सफल शासक बन सकते हैं. वृष राशि में ओ, वा, वी, वो ब, जबकि तुला राशि में रा, रु, री, रे, ता, ती, तू और मकर राशि में भो, जा, जी, खे, खो, गा, गी अक्षर आ रहा है. इन अक्षर के नाम वाले व्यक्ति का यदि सीएम ताजपोशी होती है, तो वो एक सफल शासक होंगे. उन्हें जनता का भी सहयोग मिलेगा.

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मलमास से पहले हो सीएम का अभिषेक: वहीं ज्योतिषाचार्य डॉ मनोज गुप्ता ने कहा कि 10 दिसंबर को स्वाति नक्षत्र है, जो अगले दिन 11 दिसंबर तक रहेगा. इस दौरान यदि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जाती है तो ये राजस्थान के विकास के लिए और प्रदेश के भविष्य के लिए अच्छा रहेगा. ग्रहों की गणना के आधार पर जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है या फिर मीन राशि में प्रवेश करता है, तो उसे मलमास कहते हैं. इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है. ऐसे में मलमास से पहले ही राज्य अभिषेक यानी मुख्यमंत्री की शपथ ली जानी चाहिए. और मुख्यमंत्री की शपथ के दौरान यदि कुछ मंत्रियों को शपथ दिलाई जाए तो ये बहुत अच्छा रहेगा. मंत्रिमंडल का गठन 16 तारीख से पहले-पहले हो तो यह शुभ रहेगा. बाद में मलमास के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार करना शास्त्र सम्मत रहेगा.

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