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Crops Damaged in Rajasthan: राज्य में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, कृषि मंत्री ने पेश की प्रारंभिक रिपोर्ट

राजस्थान के उदयपुर, बीकानेर, भरतपुर, जयपुर संभाग में रबी की फसलों को बारिश और ओलावृष्टि से बड़ा नुकसान पहुंचा है. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने सदन में माना कि किसानों को 2 से 65 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. वहीं, सीएम गहलोत ने अधिकारियों को शीघ्र गिरदावरी करने का निर्देश दिया.

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राजस्थान फसल खराबा की प्रारंभिक रिपोर्ट पेश करते कृषि मंत्री

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Published : Jan 30, 2023, 4:59 PM IST

Updated : Jan 30, 2023, 8:31 PM IST

राजस्थान फसल खराबा की प्रारंभिक रिपोर्ट पेश करते कृषि मंत्री

जयपुर.राज्य में बीते 2 दिनों से हो रही बारिश और ओलावृष्टि से कई जिलों में फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है. इस मामले में गहलोत सरकार से गिरदावरी कराकर तुरंत पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की मांग जोर-शोर से उठ रही है. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने भी सदन में माना है कि किसानों को 2 से 65 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. अधिकारियों को विशेष गिरदावरी करने के लिए कहा जा चुका है जो 14 दिन में रिपोर्ट बनाकर भेजेंगे. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि गिरदावरी का कार्य राजस्व विभाग की ओर से तेजी से किया जा रहा है. हमारी सरकार किसानों का हरसंभव सहयोग करेंगी.

कृषि मंत्री ने पेश की प्रारंभिक रिपोर्ट : कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने विधानसभा में 2 दिन में हुए नुकसान का आंकड़ा पेश किया, जिसके अनुसार, 2 दिनों में पाली, सिरोही, उदयपुर, राजसमंद, कोटा और बूंदी में तेज हवाओं और बारिश से गेहूं, चना, सरसों और सब्जियों की फसल में नुकसान का प्रारंभिक अनुमान है. आरंभिक नुकसान के अनुसार, चित्तौड़गढ़ में 3 लाख 19 हेक्टेयर में से चित्तौड़गढ़ और बेगू विधानसभा में 2 लाख 94,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल, पाली जिले में कुल बोए क्षेत्रफल 3 लाख 18 हजार हेक्टेयर में से पाली, सुमेरपुर, बाली, मारवाड़ जंक्शन, सोजत और जैतारण में 39 हजार 500 हेक्टेयर, उदयपुर जिले में 1 लाख 33 हजार हेक्टेयर में से मावली, वल्लभनगर, उदयपुर ग्रामीण में 11 हजार 225 हेक्टर में, सिरोही जिले में कुल क्षेत्रफल 77 हजार 800 हेक्टर में से रेवदर, आबू, पिंडवाड़ा, सिरोही में 14 हजार हेक्टेयर में और कोटा के सांगोद, इटावा ब्लाक, बूंदी जिले के हिंडोली ब्लॉक और राज्य के अन्य जिलों में भी ओलावृष्टि और तेज हवाओं से फसल खराब होने की सूचना है.

मंत्री लालचंद कटारिया ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि विशेष गिरदावरी रिपोर्ट आने पर किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी. कटारिया ने माना कि बीते 2 दिनों में ओलावृष्टि और जलभराव के कारण खड़ी फसल में और भारी बारिश के कारण खेत में काटकर सुखाने के लिए रखी गई फसल खराब हुई है, जो फसल बीमा के तहत दायरे में आता है. इसके लिए जिन काश्तकारों ने फसल बीमा करवाया, उन्हें 72 घंटे में बीमा कंपनियों और कृषि विभाग के कार्यालय को सूचना देना आवश्यक है. विभाग की ओर से सभी अधिकारियों को फसल खराबे की सूचना के लिए निर्देशित किया गया है और प्राप्त सूचना पर 2 सप्ताह में सर्वे करवा कर फसल बीमा क्लेम से किसानों को लाभान्वित करने की कार्रवाई की जाएगी. कटारिया ने बताया कि कृषि विभाग आपदा राहत विभाग और राजस्व विभाग मिलकर संयुक्त रूप से फसलों को हुई क्षति को लेकर गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है.

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दो दिनों में इतनी हुई बरसात : राज्य में 29 जनवरी को 2.6 मिली लीटर बारिश और 30 जनवरी को 9.3 मिली मीटर बरसात हुई. दो दिनों में राजसमंद में 54.7, अजमेर में 41.7 और सवाई माधोपुर में 30.7, भीलवाड़ा में 29.2, सिरोही में 27, पाली में 27.6, उदयपुर में 27.1, बूंदी में 26, टोंक में 25.5, दौसा में 24.6, जयपुर में 22.8, अलवर में 20.2 मिली मीटर और नागौर में 19.8 प्रतापगढ़ में 18.9, सीकर में 18.7, चित्तौड़गढ़ में 18.6 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है.

17 जनवरी की गिरदावरी रिपोर्ट सदन में पेश : राज्य सरकार ने 17 जनवरी की गिरदावरी रिपोर्ट को भी सदन रखा. साथ ही बीते 2 दिन से हुई बरसात के साथ ही जनवरी महीने में पहले हुई शीतलहर से नुकसान के आंकड़े भी आज सरकार ने जारी किए हैं. लालचंद कटारिया ने यह आंकड़े जारी करते हुए कहा कि जनवरी 2023 में शीतलहर से कूल बोए गए क्षेत्रफल 109 लाख 55 हजार हेक्टेयर में से 14 लाख 92 हजार हेक्टेयर में 2 से 65 प्रतिशत नुकसान हुआ. जो गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनू, जयपुर, जालोर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, सीकर, भरतपुर, पाली, अजमेर, जोधपुर और प्रतापगढ़ में हुआ है.

उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर की सादुलशहर, झुंझुनू की मलसीसर, सूरजगढ़ और बवाना समेत प्रदेश की अन्य तहसीलों में भी फसल खराबी की रिपोर्ट मिली है. फसलों में हुए नुकसान को देखते हुए 17 जनवरी को सभी कलेक्टरों को रबी फसल को पाले और शीतलहर से नुकसान का तत्काल सर्वे करवाकर प्रभावित गांव में निर्धारित मापदंडों के अनुसार विशेष गिरदावरी जल्द करवाने के लिए कहा गया था.

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कटारिया ने बताया कि गेहूं की फसल का 29 लाख 65 हजार हेक्टेयर में से 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खराब हुआ है, जो फसल का 4 लाख 8 हजार हेक्टेयर में से 19,000 हेक्टेयर में खराब है. वहीं, चना में 20 लाख 57 हजार में से 2 लाख 25 हजार हेक्टेयर में 2 से 40 प्रतिशत का खराब, सरसों और तारामीरा में कुल बोए गए क्षेत्रफल 39 लाख 36 हजार हेक्टेयर में से 9 लाख 83 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में दो से 65 प्रतिशत तक खराब हुआ है. इसी तरह सब्जियां और उद्यानिकी में 15 लाख 79 हजार हेक्टेयर में से 2 लाख 22 हजार हेक्टेयर में 2 से 60 प्रतिशत खराब हुई है.

किसानों का हरसंभव सहयोग : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को राज्य में ओलावृष्टि और शीतलहर (पाले) से फसलों को हुए नुकसान का शीघ्र आंकलन करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि गिरदावरी का कार्य राजस्व विभाग की ओर से तेजी से किया जा रहा है. साथ ही राज्य सरकार इस आपदा में किसानों का हरसंभव सहयोग करेगी.

Last Updated : Jan 30, 2023, 8:31 PM IST

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