जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी को चौंकाते हुए 19 नये जिले बनाने की घोषणा कर दी है. जब गहलोत यह घोषणा कर रहे थे तो राजधानी जयपुर में मूसलाधार बरसात हो रही थी, लेकिन लग रहा था जैसे प्रदेश में जिलों की बारिश हो रही हो. बहरहाल चुनावी साल है और गहलोत किसी भी तरह 2023 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी करवा कर और किसी तरह मुख्यमंत्री रहकर और सरकार रिपीट कर इतिहास रचना चाहते हैं. यही कारण है कि उन्होंने सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस के मजबूत जिलों को और मजबूत और कमजोर जिलों पर अपनी पकड़ बनाने का प्रयास किया है.
सीकर को संभाग बनाना और बालोतरा को जिला बना कर उन्होंने पहले से कांग्रेस के लिए मजबूत सीकर और बाड़मेर को और मजबूत बनाने का प्रयास किया है तो वहीं पाली जिला जहां कांग्रेस की एक भी विधानसभा सीट नहीं है और उदयपुर व अजमेर जहां सत्ता पक्ष अपेक्षाकृत कमजोर है वहां सलूंबर ओर केकड़ी को जिला बनाने की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही बांसवाड़ा को संभाग बनाकर उन्होंने इन दोनों जिलों में कांग्रेस को मजबूत करने का प्रयास किया है. वहीं सांचौर को जिला बना कर गहलोत ने जालौर जिले को भी मजबूत करने का प्रयास किया है जहां से कांग्रेस को एकमात्र सफलता सुखराम बिश्नोई के रूप में मिली थी.
डोटासरा, रघु शर्मा, रघुवीर मीणा, महेंद्रजीत मालवीय, विश्वेंद्र हुए मजबूत
भले ही यह कहा जाए की जिलों की घोषणा जनसंख्या जिला मुख्यालय से दूरी को आधार बनाकर की गई है, लेकिन हकीकत यह है की चुनावी साल में गहलोत ने अपना पॉलिटिकल मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है और यह भी बता दिया है कि कौन गहलोत सरकार में मजबूत है. जिले और संभाग की सूची को देखा जाए तो साफ देखा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सब पर भारी पड़े हैं. वहीं रघु शर्मा, रघुवीर मीणा, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, विश्वेंद्र सिंह और ज्यादा मजबूत हो गए हैं.
डोटासरा कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही सीकर के सबसे पॉवरफुल नेता
गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष होने के नाते वैसे भी मजबूत हैं लेकिन सीकर को संभाग बनवाकर और नीमकाथाना को जिला बनवाकर उन्होंने अपनी ताकत का एहसास करवाया है कि वह सीकर के काफी पावरफुल नेता हैं. जबकि नीमकाथाना से विधायक सुरेश मोदी हैं जो पायलट कैंप के हैं लेकिन उसके बावजूद डोटासरा ने राजस्थान कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल का चेहरा आगे करवाकर नीमकाथाना को अपनी गारंटी पर जिला बनवाया है.
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अजमेर में अब पायलट नहीं रघु शर्मा बड़े नेता स्थापित
कांग्रेस पार्टी के लिए अजमेर जिला भी पिछले चुनाव में बुरे नतीजे वाला था जहां जिले में 8 विधानसभा में से केवल केकड़ी और मसूदा 2 विधानसभा सीटें ही कांग्रेस के पास थीं. इसमें भी अजमेर में सचिन पायलट का पूरा दखल था. ऐसे में केकड़ी को जिला बना कर गहलोत ने यह बता दिया है कि रघु शर्मा अब अजमेर की राजनीति के प्रमुख केंद्र रहेंगे.