जयपुर.केंद्र की फ्री वैक्सीनेशन (Free Vaccination) की घोषणा के बाद क्या वेतन कटौती का अंशदान वापस करेगी गहलोत सरकार. यह सवाल इसलिए क्योंकि युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन को लेकर विधायकों, मंत्रियों और नौकरशाहों से आर्थिक सहायता ली गई थी. युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन से गहलोत सरकार पर 3500 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ आ रहा था. लेकिन केंद्र सरकार की घोषणा के बाद अब 3500 करोड़ का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा. ऐसे में एमएलए फंड (MLA Fund) और नौकरशाहों की वेतन कटौती से आया पैसा अब कहां खर्च होगा इसको लेकर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं.
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हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से सभी 18 से 44 साल के युवाओं को फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद अब राज्यों का भी आर्थिक बोझ हल्का हुआ है. युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के चलते अकेले राज्य की गहलोत सरकार पर 3500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था, जिसके लिए गहलोत सरकार ने एमएलए फंड के साथ-साथ मंत्रियों के एक-एक माह का वेतन और आईएएस-आईपीएस और आरएएस अफसरों की वेतन में कटौती की थी.
साथ ही 8 लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की तैयारी थी. अकेले विधायक कोष के जरिए गहलोत सरकार 600 करोड़ रुपए एकत्र करने जा रही थी. यह पैसा 18 से 44 साल के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन पर खर्च होना था लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार की ओर से 18 से 44 साल के युवाओं को फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद राज्य की गहलोत सरकार पर आर्थिक बोझ कम हुआ है.