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अलवर गैंग रेप मामले को लेकर RLP कार्यकर्ताओं ने सीएम गहलोत का फूंका पुतला - दलित विरोधी अलवर एसपी

अलवर गैंग रेप मामले को लेकर आरएलपी के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही गैंग रेप मामले में दोषी डीजीपी, दलित विरोधी अलवर एसपी को हटाने और जल्द से जल्द पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की.

RLP कार्यकर्ताओं ने सीएम गहलोत का फूंका पुतला

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Published : May 16, 2019, 5:37 PM IST

जयपुर. अलवर गैंगरेप मामले को लेकर हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. कार्यकर्ताओं ने डीजीपी और दलित विरोधी अलवर एसपी को हटाने व पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया.

अलवर गैंग रेप मामले को लेकर RLP कार्यकर्ताओं ने सीएम गहलोत का फूंका पुतला

उन लोगों ने मुख्यमंत्री गहलोत मुर्दाबाद और हनुमान बेनीवाल जिंदाबाद के नारे भी लगाए. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने गहलोत का पुतला भी फूंका. राज्यपाल के नाम कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि 26 अप्रैल को थानागाजी में दलित महिला से गैंगरेप हुआ. उसके बाद सत्ताधारी दल को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस मामले को 7 से 8 दिन तक दबाए रखा. आरोपियों ने पति के सामने ही महिला से दुष्कर्म किया और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया.

कार्यकर्ताओं ने बताया कि दो जून 1990 को डीजीपी द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार एससी-एसटी से जुड़े मामलों की जानकारी तत्काल आईजी राजस्थान जयपुर, आईजी सीआईडीसीबी में अपराध शाखा और गोपनीय शाखा जयपुर को देना अनिवार्य होता है. लेकिन संज्ञान में आने के बावजूद भी पुलिस ने मामले को दबाए रखा. इस मामले में एसपी को एपीओ और थाना अधिकारी को निलंबित किया गया है. लेकिन पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि नागौर जिले में पिछले साल दलित सिपाही चेनाराम को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए नागौर एसपी परिस देशमुख को दलित समाज की रक्षा के लिए लगाया गया जो कि गलत है.

इन सब मामलों को लेकर आरएलपी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी को भी बर्खास्त करने की मांग की. साथ ही पुलिस कार्मिकों और अधिकारियों पर अपराधिक मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच सीबीआई से कराने तथा पीड़ित परिवार को उच्चस्तरीय सुरक्षा व 50 लाख की आर्थिक सहायता देने की भी मांग की. कार्यकर्ताओं ने बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा दिलवाने के लिए सक्षम न्यायालय में त्वरित पैरवी करने और 14 मई को इस मामले में न्याय की मांग कर रहे लोगों पर दौसा जिले में किए गए लाठीचार्ज के जिम्मेदार पुलिस अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की. सरकार तत्काल दौसा में सांसद किरोड़ी लाल मीणा, विधायक हनुमान बेनीवाल और उपनेता राजेंद्र सिंह राठौड़ व अन्य लोगों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की.

पुलिस रही मुस्तैद, अतिरिक्त जाब्ता भी लगाया
दौसा में हुए उपद्रव को देखते हुए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पुलिस ज्यादा मुस्तैद रही. पुलिस ने कलेक्ट्रेट पर क्यूआरटी टीम टीम, वज्र वाहन और वाटर कैनन वाहन भी तैनात किए थे. पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भी मौके पर मौजूद था. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पश्चिम बजरंग सिंह सहित कई उच्च अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे.

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