जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन 25 सितंबर को राजस्थान में हुई घटना के चलते अपना पद छोड़ने की इच्छा (Ajay Maken Resign Controversy) जाहिर कर चुके हैं. माकन को लेकर अब तक केवल पायलट कैंप के नेता ही मुखर होकर बयान दे रहे थे, लेकिन शुक्रवार को 3 दिन बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ी. डोटासरा ने कहा कि अजय माकन जब हमसे रूठे ही नहीं हैं तो हम उन्हें मनाएं कैसे और जब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हो जाता है, वही राजस्थान के प्रभारी रहेंगे.
इस दौरान महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ के नाम (List of Congress Star Campaigners) सरदारशहर उपचुनाव की स्टार प्रचारकों की लिस्ट से नदारद होने पर भी डोटासरा ने साफ किया कि उनके नाम लिस्ट में नहीं होने के पीछे कारण बताओ नोटिस नहीं है, बल्कि उस लिस्ट में केवल 40 लोगों का ही नाम शामिल किया जा सकता था. उसमें भी प्राथमिकता उन नेताओं को मिली जिनके नाम प्रत्याशी की ओर से दिए गए. डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राजस्थान में एकजुट है और एकजुटता के साथ राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा निकलेगी.
उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस के साथ सरकार चल रही है, सत्ता और संगठन में समन्वय है. डोटासरा ने कहा कि हमारे यहां 500 नेता हैं, उनमें से 40 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया जा सकता था. उसमें भी प्राथमिकता उन्हें मिली, जिनकी प्रत्याशियों की ओर से डिमांड आई. उनके नाम उसमें आए हैं. सब नेताओं के नाम नहीं आ सकते तो वहीं प्रभारी महासचिव जितने भी थे, जैसे ही खड़गे अध्यक्ष बने तो उन्हें स्टीयरिंग कमेटी में तब्दील कर दिया गया. अजय माकन भी स्टीयरिंग कमेटी के मेंबर हैं और जब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होता तब तक अजय माकन ही जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज हैं.
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उनका नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं होने का कोई सवाल नहीं उठता. डोटासरा ने बड़ी बात बोलते हुए आगे कहा कि जब अजय माकन (PCC Chief Dotasra on Ajay Maken) नाराज ही नहीं हैं और वह रूठे ही नहीं थे तो उन्हें मनाने का क्या सवाल ? इसी के साथ कारण बताओ नोटिस मिले नेताओं के सवाल को टालते हुए डोटासरा ने कहा कि ना तो मैंने कारण बताओ नोटिस दिए, ना मेरे पास जवाब प्राप्त हुआ और ना ही मैं फैसला करने वाला हूं. मैं पीसीसी अध्यक्ष हूं, जिसे आलाकमान का आशीर्वाद प्राप्त है. वहीं, पंडित सुरेश मिश्रा की ओर से 25 सितंबर की घटना को लेकर खून से लिखे गए लेटर पर भी उन्होंने कहा कि कोई खून से लेटर लिखें या कुछ भी करे, यह उसका अधिकार है. उसमें हम कुछ नहीं कर सकते.