जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के रूप में बने दो ध्रुवों को एक करने की जुगत पार्टी में आज से शुरू हो गया है. इसकी कमान भी खुद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने संभाली है. यही कारण है कि गहलोत और पायलट के साथ बैठकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे राजस्थान कांग्रेस में चल रही उठापटक पर चर्चा होगी. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे तो वही खड़गे सचिन पायलट से भी उनके मसलों पर चर्चा करेंगे. खड़गे ने मीडिया से बातचीत करते हुए दिल्ली में ये साफ कर दिया है कि दोनों नेताओं से आज उनकी मुलाकात होगी. पार्टी के हित में जो भी होगी उस पर चर्चा होगी. ये साफ है कि अगर गहलोत और पायलट मिलकर राजस्थान में चुनाव नहीं लड़ते हैं, तो राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं होंगे. ऐसे में कांग्रेस हाई कमान की कोशिश है कि किसी तरह से दोनों नेताओं को एक टेबल पर लाकर वार्ता कराई जाए और दोनों ही नेता एकसाथ चुनाव लड़ें.
पायलट को राजस्थान में किसी भूमिका में नही चाहते गहलोत, पायलट नहीं चाहते हैं राजस्थान की राजनीति छोड़ना :राजस्थान में चल रही गहलोत पायलट के बीच सियासी उठापटक के हालात ये है कि दोनों नेताओं में दूरियां काफी बढ़ चुकी है कि उनमें आपस में बातचीत भी नहीं होती है. जहां गहलोत लगातार पायलट कैंप के विधायकों पर भाजपा के साथ मिलीभगत कर सरकार गिराने के प्रयास का आरोप लगाते रहे हैं. वहीं पायलट भी गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. इसी क्रम में 11 अप्रैल को अनशन, फिर 11 मई से 15 मई तक अजमेर से जयपुर तक पैदल मार्च किया और फिर अल्टीमेटम भी दिया कि यदि 15 दिन में उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे. हालात ये है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह नहीं चाहते कि सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रहें. वहीं पायलट नहीं चाहते कि वह किसी भी हाल में राजस्थान को छोड़ें और दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हो. ऐसे में दोनों नेताओं को बैठाकर बीच का रास्ता निकालना कांग्रेस आलाकमान के लिए एक बड़ा सर दर्द साबित होने वाला है.
मलिकार्जुन खड़गे खुद बन चुके हैं गहलोत पायलट के बीच विवादों के गवाह :कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच जारी राजनीतिक जंग को भली भांति जानते हैं. क्योंकि 25 सितंबर को जब विधायक दल की बैठक कांग्रेस आलाकमान की ओर से जयपुर में बुलाई गई थी और गहलोत कैंप के विधायकों ने उसमें शामिल होने से इनकार करते हुए अपने इस्तीफे स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिए थे. तत्कालीन पर्यवेक्षक के तौर पर कांग्रेस के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे भी अजय माकन के साथ जयपुर में थे. ऐसे में खड़गे जानते हैं कि दोनों नेताओं और उनके समर्थकों के बीच कितनी दूरियां है.