राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

राजनीति एक खेल है इसमें हार जीत चलती रहती है, मेरी अग्निपरीक्षा जैसी कोई बात नहीं: सतीश पूनिया

राजस्थान में बीजेपी की कमान संभालने के बाद दो सीटों पर हुए उपचुनाव और 49 निकायों में बीजेपी को निराशा हाथ लगी. लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अब राजनीति को खेल बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव एक खेल है जिसमें हार जीत चलती रहती है.

सतीश पूनिया का बयान, Statement of satish punia

By

Published : Nov 20, 2019, 5:13 PM IST

जयपुर. निकाय चुनाव में कांग्रेस से पिछड़ी भाजपा अब अपनी हार पचाने की कोशिश में जुट गई है. राजस्थान में भाजपा को 2 सीटों पर हुए उपचुनाव और 49 निकायों के चुनाव में निराशा हाथ लगी.

लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अब राजनीति को ही खेल बताने लगे हैं. जिसमें हार जीत होती रहती है और इस हार को अकेले स्वीकार करने में भी वह परहेज कर रहे हैं. वहीं, उपचुनाव और निकाय चुनाव प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दूरी पर भी सतीश पूनिया ने खुलकर जवाब दिया.

सतीश पूनिया ने कहा मेरी अग्निपरीक्षा जैसी कोई बात नहीं

प्रदेश भाजपा की कमान संभालने के बाद प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के लिए निकाय चुनाव दूसरी अग्नि परीक्षा थी, जिसमें पूनिया सफल नहीं हो पाए. हालांकि, सतीश पूनिया इन चुनाव को खुद की अग्नि परीक्षा मानने से इनकार करते हैं और यह भी कहते हैं कि चुनाव एक खेल है जिसमें हार जीत चलती रहती है.

यह भी पढ़ें- निकाय चुनाव के परिणाम पर CM गहलोत ने जताया जनता का आभार, कहा- अब शहरों में भी हो सकेगा बेहतर विकास

सतीश पूनिया इसके पीछे पूर्व मुख्यमंत्री रहे भैरों सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे तक का उदाहरण देने से भी पीछे नहीं रहे. उनके अनुसार इस तरह की परीक्षा से तो भैरों सिंह और वसुंधरा राजे को भी गुजरना पड़ा है.

निकाय चुनाव में मौजूदा हार पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी सफाई तो दे दी. लेकिन इस चुनाव परिणाम ने भाजपा के अंदर एक बार फिर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया. खासतौर पर उपचुनाव और निकाय चुनाव में प्रचार के दौरान वसुंधरा राजे की दूरी को लेकर पार्टी नेताओं में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं.

हालांकि, जब वसुंधरा राजे से जुड़ा हुआ सवाल सतीश पूनिया से पूछा गया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस चुनाव में किसी व्यक्ति का ज्यादा या कम महत्व नहीं होता, हर नेता की अपनी अहमियत और सम्मान है.

पढ़ें- नगर निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद सचिन पायलट ने जताया प्रदेश की जनता का आभार, कहा- प्रदेश की जनता ने भाजपा को नकारा

लेकिन स्थानीय चुनाव में स्थानीय नेता और पदाधिकारी ही अपनी भूमिका निभाते हैं. पूनिया ने यह भी कहा कि किसी नेता के चुनाव प्रचार में जाने ना जाने को लेकर चुनाव विश्लेषण करना भी ठीक नहीं है. पार्टी के भीतर चर्चा इस बात की भी है खींवसर और मंडावा उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चुनाव प्रचार के लिए नहीं निकली.

वहीं, निकाय चुनाव में भी वसुंधरा राजे ने प्रचार से दूरी बनाए रखी और दोनों ही चुनाव में भाजपा को सफलता नहीं मिली. इस प्रकार की चर्चा कोई और नहीं बल्कि पार्टी के भीतर बैठे वसुंधरा राजे के समर्थक ही कर रहे हैं. जिससे यह मैसेज जा सके कि राजस्थान में अब भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को दरकिनार करके पार्टी कोई ज्यादा बड़ी सफलता हासिल नहीं कर सकती.

ABOUT THE AUTHOR

...view details